देहरादून/हल्द्वानी:उत्तराखंड में इतिहास रचते हुए जहां बीजेपी सत्ता पर दोबारा से काबिज हुई है, वहीं कांग्रेस को इस बार भी सत्ता का सुख नहीं मिल पाया है. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस मात्र 19 सीटों पर ही सिमट कर रह गई है. यहां तक की कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भी चुनाव हार गए है. जिसमें पूर्व सीएम हरीश रावत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल तक का नाम शामिल है. हालांकि, इस हार को लेकर अब कांग्रेस के नेता समीक्षा करने में जुटे हुए हैं.
कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश रावत खुद नैनीताल जिले की लालकुआं विधानसभा सीट से चुनाव हार गए है. हरदा को बीजेपी प्रत्याशी डॉ. मोहन सिंह बिष्ट ने 17,527 वोटों से हराया है. हरीश रावत के इस हार की वजह क्या है? इस पर ईटीवी भारत ने कांग्रेस के बड़े नेता और प्रदेश सचिव गोपाल रावत से बात की.
गोपाल रावत की मानें तो हरीश रावत लालकुआं विधानसभा सीट से हराने वाले नहीं थे, लेकिन उनके साथ दो लोग घूम रहे थे, 9 और 10 नंबरी. उन्होंने ही हरीश रावत को हरवाया है. इन लोगों ने जमीन पर कोई काम नहीं किया. इसीलिए हरीश रावत लालकुआं में हार गए. गोपाल रावत ने बिना नाम लिए एक पूर्व कैबिनेट मंत्री पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे लोग अपने बूथ से हरीश रावत को वोट नहीं दिला पाए. इन्होंने हरीश रावत को कार्यकर्ताओं से नहीं मिलने दिया. इसी वजह से हरीश रावत को जमीनी सच्चाई का पता नहीं चल पाया.