नई दिल्ली : मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमणियम ने बृहस्पतिवार को कहा कि जीएसटी दरों के ढांचे को युक्तिसंगत बनाना सरकार के एजेंडे में है और निश्चित रूप से यह होने जा रहा है.
उन्होंने यह भी कहा कि जहां तक जीएसटी का सवाल है तीन दरों वाला ढांचा काफी महत्वपूर्ण है और उल्टे शुल्क ढांचे (तैयार उत्पादों के मुकाबले कच्चे माल पर अधिक आयात शुल्क) को भी ठीक करने की जरूरत है.
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) जुलाई 2017 में अमल में आया. इसमें उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट समेत एक दर्जन से अधिक केंद्रीय और राज्य करों को समाहित किया गया है. फिलहाल इस कर व्यवस्था में पांच दरें...0.25 प्रतिशत, 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत... हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या जीएसटी के तहत दरों की संरचना को युक्तिसंगत करने की जरूरत है, सुब्रमणियत ने कहा, ''मुझे लगता है कि यह निश्चित रूप से होने जा रहा है. मूल योजना तीन-दरों वाली संरचना की थी....'
ज्यादातर आम उपयोग की वस्तुओं को जीएसटी से छूट दी गयी है जबकि विलास और समाज/स्वास्थ्य की दृष्टि से अहितकर वस्तुओं पर दर सर्वोंच्च 28 प्रतिशत है.
उद्योग मंडल एसोचैम के 'ऑनलाइन' आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ''जीएसटी, जिस तरह से वास्तव में पांच दरों के साथ बनाया गया था, मूल रूप से उत्कृष्ट था क्योंकि अब हम जीएसटी के तहत प्राप्त राशि पर उसका प्रभाव देख रहे हैं ... नीति निर्माताओं को वास्तव में व्यावहारिक होने के लिए श्रेय दिया जाना चाहिए....'
सीईए ने कहा, तीन स्तरीय ढांचा निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है और उल्टा शुल्क ढांचा भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जिसे ठीक करने की जरूरत है. मुझे लगता है कि सरकार की इस पर नजर है और जल्द ही इस संबंध में कुछ देखने को मिल सकता है.
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