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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा: प्रसाद में मिलेंगे देसी घी में बने मोतीचूर के लड्डू, रामरज और राम मंदिर की फोटो

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा प्रोग्राम के बाद श्रद्धालुओं और मेहमानों को प्रसाद के रूप में मंदिर की खुदाई में निकली रामरज, मोतीचूर के लड्डू और राम मंदिर की फोटो दी जाएगी.

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Ayodhya news रामलला की प्राण प्रतिष्ठा ramlala pran pratishtha Ram Mandir Prasad राम मंदिर प्रसाद

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 13, 2024, 4:16 PM IST

रामनगरी में जश्न

अयोध्या: अयोध्या में भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में अब सिर्फ सप्ताह भर का समय शेष है. 14 जनवरी से अयोध्या में अनुष्ठान शुरू होने हैं. ऐसे में कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. जहां एक तरफ इस आयोजन में देशभर से कई हजार विशिष्ट अतिथियों को आमंत्रित किया गया है. वहीं उनके स्वागत के लिए भी बेहतरीन इंतजाम किए गए हैं. अयोध्या से वापस जाने पर इन अतिथियों को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट उपहार भी देगा. ट्रस्ट के प्लान के अनुसार भगवान राम के मंदिर की खुदाई में निकली मिट्टी को रामरज के रूप में और देसी घी से बने मोतीचूर के लड्डू प्रसाद के रूप में अतिथियों को विदाई के समय दिया जाएगा.

प्रसाद में देसी घी के लड्डू और राम मंदिर की तस्वीर मिलेगी: 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने वाले मेहमानों को मंदिर की बुनियाद की खुदाई में निकाली गई मिट्टी (रामरज) भेंट की जाएगी. जानकारी के अनुसार राम मंदिर नींव की खुदाई के दौरान निकाली गई राम जन्मभूमि की मिट्टी को बक्सों में पैक किया जाएगा. 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले मेहमानों को भेंट किया जाएगा. इस कार्यक्रम के लिए यहां आने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जूट के थैले में पैक की गई राम मंदिर की तस्वीर भेंट की जाएगी. इसमें मंदिर की एक तस्वीर भी होगी. साथ ही उन्हें प्रसाद के रूप में देसी घी से बने विशेष मोतीचूर के लड्डू भी दिए जाएंगे.

प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के बाद में मिलेगा गिफ्ट: प्राण प्रतिष्ठा समारोह में ट्रस्ट की ओर से देश भर से 11,000 से अधिक मेहमानों को आमंत्रित किया गया है. इन सभी लोगों को यादगार उपहार देने की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने बताया कि रामरज एक ऐसा उपहार होगा, जिसे मेहमान हमेशा याद रखेंगे. किसी घर में इस रामरज का होना सौभाग्य की बात है. इस पवित्र उपहार का उपयोग वो अपने घर के गार्डेन या गमलों में कर सकेंगे. ऐसी भी संभावना है कि ऐसे आमंत्रित लोग जो किसी कारणवश प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में यहां नहीं आ सके हैं, वो जब भी यहां आएंगे तो उन्हें यह उपहार दिया जाएगा.

रामनगरी बनी उत्सव का केंद्र: राम नगरी अयोध्या इन दोनों उत्सव का केंद्र बनी हुई है. मुख्य कार्यक्रम स्थल राम जन्मभूमि परिसर है, लेकिन अयोध्या की हर गली हर सड़क पर एक अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है. ढोल नगाड़े की धुन पर थिरकते हुए राम भक्त अपने आराध्य के आगमन को लेकर बेहद उत्सुक हैं. शनिवार की दोपहर ऐसा ही नज़ारा अयोध्या के जन्म भूमि पथ पर देखने को मिला. जब गुजरात से आए 500 श्रद्धालुओं का जत्था भगवान श्री राम के अस्त्र धनुष बाण के साथ अयोध्या पहुंचा और अपने आराध्य को धनुष बाण समर्पित किया. गुजरात के आनंद से आए इन राम भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था. ढोल नगाड़ों की धुन पर थिरकते हुए श्रद्धालु भगवान राम के मंदिर की ओर अग्रसर थे.

गुजरात के आनंद से आए राम भक्त जितेश कुमार ने बताया कि आज के आनंद की कोई सीमा नहीं है. 500 वर्षों का कलंक मिट गया. हमारे आराध्य प्रभु श्री राम को उनका भवन मिल गया. इस आनंद में पूरा विश्व झूम रहा है. हर किसी की इच्छा है कि वह अयोध्या पहुंचे और भगवान राम का दर्शन करे. इसी आकांक्षा को लेकर हम सभी समूह बनाकर अयोध्या पहुंचे हैं. हम भगवान श्री राम को उनका प्रिय धनुष बाण उपहार स्वरूप भेंट कर रहे हैं. मंदिर का उद्घाटन होने के बाद हमारे गुजरात से और भी राम भक्त हैं, जो भगवान की सेवा में समर्पित करने के लिए तमाम उपहार लेकर अयोध्या पहुंचेंगे. भगवान राम के मंदिर का निर्माण का उत्साह हम सभी को है.

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