नई दिल्ली :राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिन्दू परिषद द्वारा चलाए गए 44 दिवसीय देशव्यापी निधी समर्पण अभियान पर अब एक किताब लिखी जा चुकी है. इसका विमोचन रविवार को आरएसएस और विहिप के वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली में किया. इस किताब का नाम 'सब के राम' है, जिसमें देश के सबसे बड़े जनसंपर्क अभियान के बारे में विस्तार से लिखा गया है.
इस अवसर पर मुख्य अतिथि आरएसएस के सह-सरकार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन हिन्दू समाज के आत्मसाक्षात्कार का आंदोलन था जिसने हिन्दू समाज के बारे में पूर्व की धारणाएं बदल दीं. पहले यह मान्यता थी कि हिन्दू समाज कभी एकजुट नहीं हो सकता, संघर्ष नहीं कर सकता और हिन्दू समाज के अंदर हिन्दुत्व का गौरव समाप्त हो रहा है लेकिन राम मंदिर के लिये लगातार आंदोलन चलने और सफलता तक पहुंचने के बाद अब यह धारणाएं बदली हैं.
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए विहिप के 20 लाख से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने 5 लाख से ज्यादा गांव में जाकर 13 करोड़ परिवारों से चंदा एकत्रित किया था. अरुण कुमार ने बताया कि सबसे ज्यादा धनराशि आम लोगों ने मंदिर निर्माण के लिए दिया और कुल लोगों में तीन चौथाई लोग ऐसे थे जिन्होंने 10 हजार या इससे कम राशि चंदे में दी थी. इससे यह प्रमाणित होता है कि हर वर्ग से लोगों ने अपनी श्रद्धा और क्षमता के अनुसार मंदिर निर्माण के लिए योगदान दिया. इस अभियान के समय विहिप और संघ कार्यकर्ता देश भर में घूमे और उस दौरान उनके कुछ यादगार अनुभवों को इस किताब में जगह दी गई है.