दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

गुजरात के इस शख्स की 1500 बहनें, जानें कैसे मनाते हैं रक्षाबंधन - surat builder chirag doshi

भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है रक्षाबंधन. इस पावन पर्व पर एक बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र की कामना करती है. वहीं, भाई भी बहन की रक्षा करने का वचन देता है. इस रक्षाबंधन पर गुजरात से भाई-बहन के प्यार का एक अद्भुत वाकया सामने आया है. सूरत के एक शख्स की एक या दो या 20 नहीं, बल्कि 1500 से अधिक बहनें हैं. इतना ही नहीं, बहनें इतनी सारी हैं कि ये शख्स हर साल रक्षाबंधन सप्ताह भर मनाता है. इस शख्स के बारे में जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

गुजरात
गुजरात

By

Published : Aug 11, 2022, 7:57 PM IST

सूरत :देशभर में आज रक्षाबंधन मनाया जा रहा है. शुभ मूहुर्त में बहनें भाइयों को राखी बांध रही हैं. ऐसे में गुजरात के सूरत निवासी चिराग दोशी ऐसे भाई हैं, जो अपनी कलाई पर एक या दो या 20 नहीं बल्कि 1500 से अधिक बहनों की राखियां बंधा रहे हैं. जी हां, इस वजह से चिराग रक्षाबंधन पर्व पूरे एक सप्ताह तक मनाते हैं. इतना ही नहीं, अब उनकी बहनों की संख्या साल दर साल बढ़ने भी लगी हैं. ये बहनें केवल गुजरात नहीं, बल्कि पूरे देश भर में रहती हैं. चिराग की बहनें उन्हें राखी बांधने आती तो हैं, साथ ही जो बहनें उनके पास राखी बांधने नहीं आ पातीं या राखी भेज नहीं पातीं, उनके पास खुद चिराग राखी और मिठाइयां लेकर पहुंच जाते हैं.

सूरत के बिल्डर चिराग दोशी का कहना है, "जिनकी बहन होती है उसे भाग्यशाली माना जाता है, लेकिन मेरी तो 1540 बहने हैं. केवल गुजरात नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी मेरी बहने हैं. इन बहनों से मुझे जीवन में हौसला मिलता है. साथ ही मुझे सेवा कार्यों की प्रेरणा भी मिलती है. इतनी बहनों के साथ रिश्ता निभाने का प्रमुख कारण यह है कि वे नारी शक्ति हैं और नारी शक्ति की पूजा करने का मौका मिलता है. इतना ही नहीं, लोगों की सेवा करने का उत्साह भी मुझे मिलता है. मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में 2100 बहनें होंगी, जिनसे मुझे भरपूर प्यार मिलेगा. इन बहनों के साथ एचआईवी पीड़ित, कैंसर पीड़ित तथा अन्य बहनें भी मुझे राखी बांधती हैं."

गुजरात के इस शख्स की 1500 बहनें, जानें कैसे मनाते हैं रक्षाबंधन

चिराग की एक बहन रचना डोलिया ने बताया, "मैं चिराग की 1540 बहनों में से एक हूं. मुझे अच्छा लगता है कि चिराग जैसा भाई मिला है. चिराग हमारे अच्छे समय में हमारे साथ हैं. लेकिन मुसीबत आने पर भी वो सबसे पहले आकर खड़े होते हैं. मुझे नहीं पता, उसे कैसे पता चल जाता है कि मैं दुखी हूं. मेरी परेशानी को भांपकर वह फोन करता है. वह नाम से ही नहीं, बल्कि काम से भी चिराग है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details