नई दिल्ली : राज्यसभा ने कारोबार सुगमता को और बढ़ाने तथा स्टार्टअप परिवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लाए गए सीमित जवाबदेही भागीदारी (एलएलपी) (संशोधन) विधेयक 2021 को बुधवार को विपक्ष के हंगामे के बीच मंजूरी दे दी. इसके तहत मूल अधिनियम में बताए गए 12 कृत्यों को आपराधिक श्रेणी से हटाया गया है.
इसके अलावा, संशोधित कानून के तहत छोटे एलएलपी के लिये परिभाषा पेश की जाएगी.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गत बुधवार 28 जुलाई को एलएलपी कानून में संशोधन को मंजूरी दी थी. यह पहली बार है जब 2009 में कानून के अमल में आने के बाद बदलाव किये गये हैं.
वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने विभिन्न मुद्दों पर बहस की मांग पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच विधेयक को चर्चा के लिए पेश किया. शोरगुल के बीच ही विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा हुई जिसके जवाब में मंत्री ने कहा कि कारोबार सुगमता के लिये कंपनी कानून, 2013 में कई बदलाव किये गये हैं और इसी प्रकार के बदलाव एलएलपी में किये गये हैं क्योंकि एलएलपी स्टार्टअप के बीच ज्यादा लोकप्रिय है.
सीतारमण ने कहा कि अब अधिनियम में दंडात्मक प्रावधानों की कुल संख्या घटकर 22 रह जाएगी जबकि सुलह के जरिये मामलों को निपटाने वाले अपराधों (कम्पाउंडेबल ऑफेन्स) की संख्या सात रह जाएगी. साथ ही गंभीर अपराधों की संख्या तीन होगी और ‘इन-हाउस एडजुडिकेशन’ व्यवस्था (आईएम) यानी केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी के आदेश के तहत निपटाए जाने वाले चूक की संख्या केवल 12 रह जाएंगी.