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सीमित जवाबदेही भागीदारी (संशोधन) विधेयक 2021 को राज्यसभा की मंजूरी मिली

विपक्ष के हंगामे के बीच संक्षिप्त बहस के बाद राज्यसभा ने सीमित जवाबदेही भागीदारी (एलएलपी) (संशोधन) विधेयक 2021 पारित कर दिया है.

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Published : Aug 4, 2021, 2:42 PM IST

Updated : Aug 4, 2021, 3:28 PM IST

नई दिल्ली : राज्यसभा ने कारोबार सुगमता को और बढ़ाने तथा स्टार्टअप परिवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लाए गए सीमित जवाबदेही भागीदारी (एलएलपी) (संशोधन) विधेयक 2021 को बुधवार को विपक्ष के हंगामे के बीच मंजूरी दे दी. इसके तहत मूल अधिनियम में बताए गए 12 कृत्यों को आपराधिक श्रेणी से हटाया गया है.

इसके अलावा, संशोधित कानून के तहत छोटे एलएलपी के लिये परिभाषा पेश की जाएगी.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गत बुधवार 28 जुलाई को एलएलपी कानून में संशोधन को मंजूरी दी थी. यह पहली बार है जब 2009 में कानून के अमल में आने के बाद बदलाव किये गये हैं.

वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने विभिन्न मुद्दों पर बहस की मांग पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच विधेयक को चर्चा के लिए पेश किया. शोरगुल के बीच ही विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा हुई जिसके जवाब में मंत्री ने कहा कि कारोबार सुगमता के लिये कंपनी कानून, 2013 में कई बदलाव किये गये हैं और इसी प्रकार के बदलाव एलएलपी में किये गये हैं क्योंकि एलएलपी स्टार्टअप के बीच ज्यादा लोकप्रिय है.

सीतारमण ने कहा कि अब अधिनियम में दंडात्मक प्रावधानों की कुल संख्या घटकर 22 रह जाएगी जबकि सुलह के जरिये मामलों को निपटाने वाले अपराधों (कम्पाउंडेबल ऑफेन्स) की संख्या सात रह जाएगी. साथ ही गंभीर अपराधों की संख्या तीन होगी और ‘इन-हाउस एडजुडिकेशन’ व्यवस्था (आईएम) यानी केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी के आदेश के तहत निपटाए जाने वाले चूक की संख्या केवल 12 रह जाएंगी.

उन्होंने कहा, इस प्रकार, एलएलपी के लिये 12 अपराधों को आपराधिक श्रेणी से अलग किया गया है. तीन धाराओं को पूरी तरह से छोड़ दिया गया है.

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वित्त मंत्री ने कहा कि ये परिवर्तन एलएलपी को कंपनी अधिनियम के तहत आने वाली कंपनियों के साथ समान अवसर उपलब्ध कराने में मदद करेंगे. उनके जवाब के बाद विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई.

इससे पहले, विधेयक पर हंगामे के बीच चर्चा में हिस्सा लेते हुए बीजू जनता दल के सुजीत कुमार ने कहा कि एलएलपी को इस विधेयक से बहुत लाभ होगा. इससे न केवल रोजगार सृजन होगा बल्कि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी मदद मिलेगा. उन्होंने एलएलपी से आयकर घटाने की भी मांग की.

टीआरएस के बंदा प्रकाश, अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई, माकपा के जॉन ब्रिटस, तेदेपा के कनकमेदला रविंद्र कुमार, जी एस वासन ने भी चर्चा में हिस्सा लिया.

Last Updated : Aug 4, 2021, 3:28 PM IST

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