नई दिल्ली:आज हम दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक हैं. हमारी सेना के शौर्य और पराक्रम की चर्चा पूरी दुनिया में होती है. ऐसे में यह अनिवार्य हो जाता है कि देश के हितों की सुरक्षा करने के लिए हमारे पास एक तकनीकी रूप से एडवांस सेना हो. गुरुवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ एकेडमिया कॉन्क्लेव के दौरान यह बात कही.
उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश के लिए तो यह इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि हम अपनी सीमाओं पर दोहरे खतरे का सामना कर रहे हैं. ऐसे में पूरी दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए हमारा टेक्नोलॉजी के दृष्टिकोण में एडवांस होना बहुत आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि आज हमारे सामने भी कई बड़ी-बड़ी चुनौतियां दिखती हैं. बात जब देश की रक्षा की आती है तब तो यह चुनौतियां और व्यापक हो जाती है. इन चुनौतियों से कोई संस्थान अकेले नहीं निपट सकता. इन चुनौतियों से निपटने के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण काम हम कर सकते हैं, वह है सामूहिक प्रयास और पार्टनरशिप.
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रक्षा मंत्री के मुताबिक किसी भी देश के विकास में रिसर्च एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. जब तक हम रिसर्च नहीं करेंगे, तब तक हम नई-नई टेक्नोलॉजी को अपना नहीं पाएंगे. आज इकोनामी, पॉलिटिक्स, सोसाइटी, एग्रीकल्चर और कनेक्टिविटी आदि सभी सेक्टर में रिसर्च और टेक्नोलॉजी का समावेश हो चुका है.
रक्षा मंत्री ने कहा कि आरएंडडी की जो सबसे महत्वपूर्ण खासियत है कि यह उन चीजों को रिसोर्स में बदलने की क्षमता रखता है, जिन्हें आमतौर पर हम अब तक रिसोर्स की दृष्टि से नहीं देखते थे. यूरेनियम का उदाहरण ले लीजिए. जाने कितने हजारों-लाखों साल से यह धरती में पड़ा हुआ था. हो सकता है, यह मानव के हाथ कई बार आया हो और मानव ने इसे सामान्य वस्तु समझ कर छोड़ दिया हो. पर एक बार इसकी खासियत जान लेने के बाद मानव ने इसको ऐसा इस्तेमाल किया कि यूरेनियम आज दुनिया भर में बदलाव लाने वाले प्रमुख कारकों में से एक बन गया.