राजसमंद. जिले के नाथद्वारा उपखंड के रहने वाले पद्मश्री मोहनलाल कुम्हार का शुक्रवार रात उनके पैतृक मकान में निधन हो गया. उनकी तबीयत खराब चल रही थी. मोहनलाल कुम्हार को मिट्टी की मूर्तियां बनाने को लेकर टेराकोटा आर्ट के लिए वर्ष 2012 में पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया था. वे राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी काफी विख्यात रहे हैं. उन्होंने कई देशों की यात्रा की. उन्होंने देशी-विदेशी लोगों को टेराकोटा आर्ट का प्रशिक्षण भी दिया था.
इस कला की शुरुआत मोहनलाल कुम्हार के पुरखों द्वारा करीब 800 वर्ष पूर्व की गई थी, लेकिन मोहनलाल के बड़े भाई खेमराज द्वारा वर्ष 1977 में दिल्ली में लगे कला मेले में लगाई प्रदर्शन से इसे राष्ट्रीय और फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली. आज गांव के करीब 30 कुम्हार परिवार इस कला को संजो रहे हैं. कुम्हार का स्वास्थ्य पिछले कुछ वर्षों से ठीक नही रहने से उनके पुत्र मोलेला ही इस कला को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं.