जयपुर: राजस्थान का सियासी उठा-पटक (Rajasthan Political Crisis) रुकने का नाम नहीं ले रही है और बगावत का धुंआ भी उठता हुआ महसूस हो रहा है, लेकिन राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) इस पर फूंक फूंक कर कदम रख रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि राजस्थान में अगले साल चुनाव है और एकबार फिर बीजेपी, कांग्रेस को ये मौका नहीं देना चाहती कि उनकी पार्टी में चल रही फूट (Bjp is keeping a close eye on Rajasthan) का ठीकरा बीजेपी पर फोड़कर कांग्रेस सहानुभूति बटोरने की कोशिश करे.
राजस्थान में विधानसभा चुनाव काफी नजदीक है और ऐसे में बीजेपी, कांग्रेस (Congress Party) में चल रही आपसी फूट के लिए खुद पर आरोप नहीं लगने देना चाहती है। बीजेपी चाहती है की कांग्रेस के शासन में असफलताओं और पार्टी में टूट-फूट से उपज रहे एंटी इनकंबेंसी के माध्यम से वह 2023 के राज्य विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करे. अगर देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी आपदा में अवसर को तलाशते हुए, बड़ी ही चतुराई से अपने फेवर में माहौल तैयार करने में जुट गई है.
इसके अलावा बीजेपी (BJP) अगले साल इस बात को लेकर भी दावा कर रही की पिछले तीन दशकों से राज्य की जनता ने किसी भी सरकार को दोबारा बनने का अवसर नहीं दिया है, ऐसे में अगली बार उनका नंबर खुद ब खुद आता नजर आ रहा है और ऐसे में भारतीय जनता पार्टी सोच रही है कि जोड़-तोड़ की राजनीति का ठीकरा कोई उनके सिर पर न फोड़ पाए. सूत्रों की माने तो बीजेपी के आला नेताओं ने सोमवार को राजस्थान के कुछ नेताओं को सख्त निर्देश दिए की वो राजस्थान में चल रहे कांग्रेस की अंदरूनी कलह पर ज्यादा टीका टिप्पणी ना करें.