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Rajasthan: सीएम अशोक गहलोत ने न्यायपालिका में करप्शन को लेकर दिए बयान पर मांगी माफी, राजस्थान हाईकोर्ट में जवाब पेश - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर की गई बयानबाजी मामले में सीएम अशोक गहलोत ने राजस्थान हाईकोर्ट में जवाब पेश कर दिया है. सीएम गहलोत ने पेश जवाब में कहा कि उनके बयान से न्यायपालिका को ठेस पहुंची तो वे इसके लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं.

CM Ashok Gehlot apologized, apologized for his statement on judiciary
सीएम अशोक गहलोत ने न्यायपालिका में करप्शन को लेकर दिए बयान पर मांगी माफी.

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 3, 2023, 12:23 PM IST

जयपुर.न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर बयानबाजी करने के मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान हाईकोर्ट में अपना जवाब पेश कर दिया है. जिसे रिकॉर्ड पर लेते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई 7 नवंबर को तय की है. सीजे एजी मसीह और जस्टिस एमएम श्रीवास्तव की खंडपीठ ने यह आदेश पूर्व न्यायिक अधिकारी शिवचरण गुप्ता की जनहित याचिका पर दिए.

पेश जवाब में मांगी माफीःसीएम गहलोत की ओर से अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने जवाब पेश कर कहा कि कई पूर्व न्यायाधीशों ने कई बार न्यायपालिका में भ्रष्टाचार की बात कही है और उन्होंने भी इस आधार पर ही यह बात कही थी. यह उनके स्वयं के विचार नहीं हैं. वह न्यायपालिका के प्रति पूरा सम्मान रखते हैं और यदि फिर भी उनके बयान से न्यायपालिका को ठेस पहुंची तो वे इसके लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं.

पढ़ेंः Rajasthan : सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ जनहित याचिका दायर, न्यायपालिका पर बयानबाजी करने का आरोप, सीएम ने दी प्रतिक्रिया

जनहित याचिका में यह कहा थाः जनहित याचिका में मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा गया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने न्यायपालिका के खिलाफ बयानबाजी की है. सीएम गहलोत ने न्यायपालिका में गंभीर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने सुना है कि कोर्ट के फैसले तक वकील लिखते हैं और वे जो लिखकर लाते हैं, वहीं फैसला आता है. चाहे निचली न्यायपालिका हो या उच्च, हालात गंभीर हैं. देशवासियों को इस संबंध में सोचना चाहिए. जनहित याचिका में कहा गया कि मुख्यमंत्री का यह बयान न्यायपालिका कि गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला और प्रतिष्ठा को गिराने वाला है. याचिका में कहा गया कि गहलोत ने न सिर्फ न्यायिक अधिकारियों बल्कि वकीलों की प्रतिष्ठा को नीचा दिखाने वाला बयान दिया है. याचिका में गुहार की गई है कि जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए स्वप्रेरणा से अदालती अवमानना को लेकर सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई अमल में लाएं.

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