हैदराबाद: लंबी जद्दोजहद और बयानबाजी के बाद आखिरकर राजस्थान की गहलोत सरकार ने पेट्रोल डीजल पर वैट की दरें कम करने का ऐलान कर दिया. राजस्थान की कांग्रेस सरकार के इस ऐलान के बाद प्रदेश में ने पेट्रोल की कीमतों में 4 रुपये और डीजल में 5 रुपये प्रतिलीटर की कमी दर्ज की गई है. गहलोत सरकार ने डीजल पर वैट 26 फीसदी से घटाकर 19.3 फीसदी और पेट्रोल पर 36 फीसदी से घटाकर 31.04 फीसदी कर दिया है.
इसके बावजूद श्रीगंगानगर में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल
राजस्थान सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर वैट तो कम कर दिया लेकिन इसके बावजूद भी सबसे महंगा पेट्रोल और डीजल प्रदेश के श्रीगंगानगर में बिक रहा है. जहां पेट्रोल 112.03 रुपये और डीजल 95.20 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रही है. वहीं राजस्थान की राजधानी जयपुर में पेट्रोल के दाम 107.06 रुपये और डीजल 90.70 रुपये प्रति लीटर हैं. दरअसल पेट्रोल डीजल की कीमतों पर वैट वसूलने के मामले में राजस्थान अव्वल था इसलिये वैट में कटौती के बावजूद प्रदेश में अब भी कई राज्यों के मुकाबले दाम अधिक हैं.
बड़ी देर कर दी वैट में कटौती करते-करते..
दरअसल दीपावली से एक दिन पहले यानि 3 नवंबर को केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये एक्साइज ड्यूटी कम कर दी थी. देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 5 रुपये और 10 रुपये कम होने के बाद अगले दो दिनों में ही 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने वैट की दरों में कटौती की घोषणा कर दी थी. इन राज्यों में वो राज्य थे जहां बीजेपी या उनके सहयोगियों की सरकारें थीं. केंद्र सरकार के पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती करने के करीब 2 हफ्ते बाद राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने वैट की दरों में कटौती की है.
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गहलोत सरकार की मजबूरी बनी वैट कटौती
बीजेपी शासित राज्यों के वैट में कमी करने के बाद कांग्रेस शासित राज्यों पर दबाव बनने लगा और सबसे पहले 7 नवंबर को पंजाब सरकार ने वैट की दरों में कटौती करते हुए पेट्रोल 10 रुपये और डीजल 5 रुपये सस्ता कर दिया. इस बीच बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर हो गई थी. दरअसल बीते कुछ महीनों से पेट्रोल डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे थे जिसके चलते कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों और महंगाई को मुद्दा बना लिया. लेकिन केंद्र सरकार और फिर बीजेपी शासित राज्यों के टैक्स में कटौती करने के बाद बीजेपी फ्रंटफुट पर आ गई और इस मामले पर कांग्रेस को घेरने लगी. पंजाब में 2022 की शुरुआत में चुनाव होने हैं इसलिये सबसे पहले पंजाब की कांग्रेस सरकार पर दबाव बना और उसके करीब 10 दिन बाद राजस्थान सरकार ने भी वैट की दरें कम कर दी हैं.