दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

राजस्थान में वैट कटौती के बावजूद श्रीगंगानगर में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल, कई राज्यों में अब भी नहीं घटे दाम

राजस्थान ने पेट्रोल डीजल पर वैट कम कर दिया है लेकिन फिर भी सबसे महंगा पेट्रोल डीजल राजस्थान के श्रीगंगानगर में ही है. कुछ कांग्रेस और उसके सहयोगी राज्यों ने अब भी वैट के दाम नहीं घटाए हैं जबकि दिल्ली से लेकर तमिलनाडु और तेलंगाना से बंगाल तक सरकार चलाने वाले क्षेत्रीय दल वैट कम करने के नाम पर टस से मस नहीं हो रहे हैं. कांग्रेस शासित, बीजेपी शासित और क्षेत्रीय दलों की सरकारों वाले राज्यों में पेट्रोल डीजल के दाम जानने के लिए पढ़िये पूरी ख़बर

vat
vat

By

Published : Nov 17, 2021, 8:59 PM IST

हैदराबाद: लंबी जद्दोजहद और बयानबाजी के बाद आखिरकर राजस्थान की गहलोत सरकार ने पेट्रोल डीजल पर वैट की दरें कम करने का ऐलान कर दिया. राजस्थान की कांग्रेस सरकार के इस ऐलान के बाद प्रदेश में ने पेट्रोल की कीमतों में 4 रुपये और डीजल में 5 रुपये प्रतिलीटर की कमी दर्ज की गई है. गहलोत सरकार ने डीजल पर वैट 26 फीसदी से घटाकर 19.3 फीसदी और पेट्रोल पर 36 फीसदी से घटाकर 31.04 फीसदी कर दिया है.

इसके बावजूद श्रीगंगानगर में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल

राजस्थान सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर वैट तो कम कर दिया लेकिन इसके बावजूद भी सबसे महंगा पेट्रोल और डीजल प्रदेश के श्रीगंगानगर में बिक रहा है. जहां पेट्रोल 112.03 रुपये और डीजल 95.20 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रही है. वहीं राजस्थान की राजधानी जयपुर में पेट्रोल के दाम 107.06 रुपये और डीजल 90.70 रुपये प्रति लीटर हैं. दरअसल पेट्रोल डीजल की कीमतों पर वैट वसूलने के मामले में राजस्थान अव्वल था इसलिये वैट में कटौती के बावजूद प्रदेश में अब भी कई राज्यों के मुकाबले दाम अधिक हैं.

कई राज्यों ने अब भी नहीं घटाई वैट की दरें

बड़ी देर कर दी वैट में कटौती करते-करते..

दरअसल दीपावली से एक दिन पहले यानि 3 नवंबर को केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये एक्साइज ड्यूटी कम कर दी थी. देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 5 रुपये और 10 रुपये कम होने के बाद अगले दो दिनों में ही 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने वैट की दरों में कटौती की घोषणा कर दी थी. इन राज्यों में वो राज्य थे जहां बीजेपी या उनके सहयोगियों की सरकारें थीं. केंद्र सरकार के पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती करने के करीब 2 हफ्ते बाद राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने वैट की दरों में कटौती की है.

शहरों में पेट्रोल डीजल के दाम

ये भी पढ़ें: गजब है तेल का खेल : पेट्रोल-डीजल पर वैट के बहाने बीजेपी ने उल्टे विपक्ष को घेर लिया

गहलोत सरकार की मजबूरी बनी वैट कटौती

बीजेपी शासित राज्यों के वैट में कमी करने के बाद कांग्रेस शासित राज्यों पर दबाव बनने लगा और सबसे पहले 7 नवंबर को पंजाब सरकार ने वैट की दरों में कटौती करते हुए पेट्रोल 10 रुपये और डीजल 5 रुपये सस्ता कर दिया. इस बीच बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर हो गई थी. दरअसल बीते कुछ महीनों से पेट्रोल डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे थे जिसके चलते कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों और महंगाई को मुद्दा बना लिया. लेकिन केंद्र सरकार और फिर बीजेपी शासित राज्यों के टैक्स में कटौती करने के बाद बीजेपी फ्रंटफुट पर आ गई और इस मामले पर कांग्रेस को घेरने लगी. पंजाब में 2022 की शुरुआत में चुनाव होने हैं इसलिये सबसे पहले पंजाब की कांग्रेस सरकार पर दबाव बना और उसके करीब 10 दिन बाद राजस्थान सरकार ने भी वैट की दरें कम कर दी हैं.

राजस्थान ने की वैट में कटौती

कुछ कांग्रेस शासित राज्यों में अब भी है इंतजार

राजस्थान सरकार को वैट की दरें कम करने में दो हफ्ते लग गए तो कुछ कांग्रेस शासित या सहयोगियों के शासन वाले राज्य ऐसे हैं जहां अब भी वैट की दरें कम नहीं की गई हैं. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की बहुमत की सरकार है, जबकि महाराष्ट्र से लेकर झारखंड तक में कांग्रेस सरकार में सहयोगी हैं. लेकिन इन राज्यों की जनता को अब भी पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरों में कमी का इंतजार है.

कांग्रेस शासित राज्यों में पेट्रोल डीजल की कीमतें

क्षेत्रीय दल नहीं हुए टस से मस

कांग्रेस और बीजेपी शासित राज्यों से अलग जिन राज्यों में क्षेत्रीय दलों की सरकारें हैं वहां भी जनता इंतजार कर रही है कि कब राज्य सरकारें पेट्रोल डीजल पर वैट में कटौती करेंगी. इनमें दिल्ली की आप सरकार से लेकर आंध्र प्रदेश की वाईएसआर सरकार और तेलंगाना की टीआरएस सरकार से लेकर तमिलनाडु की डीएमके सरकार शामिल है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार और केरल की सीपीएम सरकार ने भी वैट कम नहीं किया है.

क्षेत्रीय दलों के राज में पेट्रोल-डीजल के दाम

चुनाव नहीं तो कटौती नहीं

एक्साइज ड्यूटी से लेकर वैट कम करने से केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को घाटा सहना होगा लेकिन साल 2022 की शुरुआत में उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत 5 राज्यों में चुनाव हैं. मौजूदा वक्त में महंगाई एक बड़ा मुद्दा है. इसी महीने की शुरुआत में आए तीन लोकसभा और 29 विधानसभा सीटों के नतीजे बीजेपी के पक्ष में नहीं रहे थे. बीजेपी नेताओं ने इसकी एक वजह महंगाई को भी बताया था. जानकार मानते हैं कि महंगाई आने वाले विधानसभा चुनावों में मुश्किल का सबब ना बने इसलिये मोदी सरकार ने पहले पेट्रोल डीजल पर एक्साइज और फिर बीजेपी शासित राज्यों ने वैट में कटौती की है. इन्हीं चुनावों का असर था कि पहले पंजाब और फिर राजस्थान ने वैट कम किया.

बीजेपी शासित राज्यों में पेट्रोल डीजल की कीमतें

कुल मिलाकर कांग्रेस और बीजेपी जैसी राष्ट्रीय पार्टियों को आगामी 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों की चिंता सता रही है लेकिन तमिलनाडु से लेकर तेलंगाना, केरल, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल तक जहां क्षेत्रीय दलों की सरकारें हैं और उन्हें चुनाव से कोई लेना देना नहीं हैं. ये सरकारें महंगाई का राग तो अलाप रही हैं, लेकिन वैट कम करने के मामले में टस से मस नहीं हो रही हैं.

ये भी पढ़ें: महंगाई ने फीकी की त्योहार की मिठास, एक साल में कितनी महंगी हुई आपकी 'दाल रोटी' ?

ABOUT THE AUTHOR

...view details