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ट्रेन में चेन पुलिंग करने वाले हो जाएं सावधान, "डेटा लॉगर" से मौके पर ही हो जायेगी धरपकड़ - North Eastern Railway

ट्रेन में चेन पुलिंग की समस्या को खत्म करने के लिए रेलवे ने ट्रेनों में डेटा लॉगर लगाने जा रहा है. इससे ट्रेनों को बेवजह रोकने वालों को मौके पर आसानी से पकड़ा जा सकेगा. जैसे ही कोई यात्री जंजीर खींचेगा इसकी सूचना कंट्रोल रूम को मिल जाएगी और कोच के अंदर भी अलार्म बजेगा.

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Published : Aug 17, 2022, 2:03 PM IST

गोरखपुरः ट्रेन यात्रा करते समय मनमाने तौर पर जंजीर खींचकर ट्रेन रोकने वाले लोग अब सावधान हो जाएं. पूर्वोत्तर रेलवे अब अपनी ट्रेनों में एक ऐसा 'डेटा लॉगर' लगाने जा रहा है, जिससे इस तरह की छेड़छाड़ करने वाले लोग मौके पर ही पकड़ लिए जाएंगे. चेन पुलिंग की घटना से ट्रेनों में दुर्घटना भी होती है. माना जाता है कि इससे ट्रेन के पहियों में जाम की स्थिति बनती है और ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त आशंका होती है. इसलिए लेटलतीफी और दुर्घटना को रोकने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे के इंजीनियरों ने आईआईटी पटना के सहयोग से माइक्रोप्रोसेसर और प्रोग्रामिंग डिवाइस एसीपी डाटा लागर तैयार किया है. जिससे ट्रेन में होने वाली इस घटना पर विराम लगेगा. फिलहाल एक माह के सफल परीक्षण के बाद रेलवे प्रशासन सभी ट्रेनों के कोचों में डाटा लागर लगाने की तैयारी शुरू कर देगा.

पूर्वोत्तर रेलवे मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार, पूर्वोत्तर रेलवे में तैयार एसीपी डाटालागर बहुत ही किफायती है. माना जा रहा है इस डिवाइस को एक कोच में लगाने पर अधिकतम 17 सौ रुपये का खर्च आएगा. यह सिस्टम सीधे कंट्रोल रूम से जुड़ा रहेगा. इसके बाद जैसे ही कोई यात्री जंजीर खींचेगा इसकी सूचना कंट्रोल रूम को मिलेगी. कोच के अंदर आवाज भी आएगी, जिससे ट्रेन में मौजूद सुरक्षा बल और जीआरपी पुलिस के जवान चैन पुलिंग करने वाले यात्रियों की धरपकड़ आसानी से कर सकेंगे. इस डाटा को भी पूरी तरह से सुरक्षित रखा जा सकेगा. जो यात्री जंजीर खींचने का दुरुपयोग करेंगे, उनके खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी.

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रेलवे का मानना है कि इस सुविधा से जंजीर के दुरुपयोग पर अंकुश तो लगेगा ही, ब्रेक बाइंडिंग भी नहीं होगी. चेन पुलिंग के चलते ब्रेक बाइंडिंग यानी कि चक्कों के जाम होने की घटना हो जाती है. जिससे हर पल दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. चेन पुलिंग के बाद बेवजह 15 मिनट से आधे घंटे तक ट्रेन को रोकना पड़ता है. गोरखपुर क्षेत्र में देवरिया, भटनी, डोमिनगढ़, जगतबेला, बस्ती और गोण्डा पर खतरे की जंजीर का सर्वाधिक दुरुपयोग होता है. जिसको रोकने के लिए ऐसा कदम रेलवे ने उठाया है.

रेलवे में तकनीक के क्षेत्र में निरंतर प्रयोग जारी है. गोरखपुर डिपो ने माइक्रोप्रोसेसर और प्रोग्रामिंग को मिलाकर एसीपी डाटालागर उपकरण बनाया है. इस उपकरण से खतरे की जंजीर के दुरुपयोग पर प्रभावी अंकुश लगाने के साथ ही गाड़ियों के बेहतर समय पालन को सुनिश्चित करने और यात्रियों को निर्बाध एवं आरामदायक परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी.

पंकज कुमार ने कहा कि बिना वजह खतरे की जंजीर खींचने पर एक हजार का जुर्माना या एक साल की जेल या दोनों का प्रावधान है. यात्री उचित कारण होने पर ही खतरे की जंजीर का उपयोग करें अन्यथा कार्रवाई की जद में होंगे. ट्रेन में आग लगने, यात्री के घायल होने या कीमती सामान या बच्चा छूट जाने, डकैती, मारपीट की घटना होने या विषम परिस्थितियों में ही यात्री खतरे की जंजीर का उपयोग करें.

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