नई दिल्ली : संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Prahlad Joshi) ने शुक्रवार को कहा कि लोकसभा में कांग्रेस सदस्य राहुल गांधी के भाषण से 'भारत माता' शब्द नहीं बल्कि असंसदीय शब्दों को हटाया गया और उनके बयानों से ऐसा प्रतीत होता है कि वह अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं.
संसद का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं से बातचीत में यह बात कही. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के बयान के बारे में एक सवाल के जवाब में जोशी ने कहा, 'राहुल गांधी का आज का बयान देशहित में नहीं है, उन्हें समझ नहीं है और ऐसा प्रतीत होता है कि वह मानसिक संतुलन खो बैठे हैं.'
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि तथाकथित 'ग्रैंड ओल्ड पार्टी' गैर जिम्मेदाराना आचरण कर रही है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि जब मणिपुर में आग लगी है, हत्याएं और दुष्कर्म हो रहे हैं, तो ऐसे समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के भीतर जिस प्रकार से 'हंसी-मजाक' किया, वह उन्हें शोभा नहीं देता.
वहीं, संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने कहा कि यह अच्छा संकेत है कि विपक्षी पार्टी 'भारत माता' के बारे में बात करने लगी है और 'भारत माता की जय' के नारे लगा रही है और ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत भाजपा सरकार के कारण हो रहा है.
लोकसभा की कार्यवाही से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाषण के कुछ अंशों को हटाए जाने के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह उनके अधिकार क्षेत्र का विषय नही है और असंसदीय शब्दों का एक संग्रह है और उसके अनुरूप ही उन्हें कार्यवाही से हटाया जाता है.
'असंसदीय शब्दों को हटाया गया' :उन्होंने कहा कि लोकसभा में राहुल गांधी के भाषण से 'भारत माता' नहीं बल्कि असंसदीय शब्दों को हटाया गया. मणिपुर पर चर्चा नहीं कराने को लेकर कांग्रेस सहित विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए जोशी ने कहा कि सरकार के बार-बार चर्चा के आग्रह करने के बावजूद विपक्षी दलों ने दुर्भाग्यपूर्ण रूप से राजनीतिक कारणों से चर्चा में हिस्सा नहीं लिया.
प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'संसद में पेश और पारित किए गए विधेयक महत्वपूर्ण थे. मणिपुर के मुद्दे पर भी रक्षा मंत्री एवं लोकसभा के उपनेता राजनाथ सिंह और उच्च सदन के नेता पीयूष गोयल ने विपक्ष को भरोसा दिलाया था. हम चर्चा को तैयार थे. लेकिन हमारे बार-बार आग्रह करने और प्रयास करने के बावजूद यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष ने राजनीतिक कारणों से चर्चा में हिस्सा नहीं लिया.'
मणिपुर से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह निचले सदन में दो घंटे बोले जिसमें से एक घंटा वह मणिपुर के विषय पर बोले, लेकिन जिन्हें मणिपुर के बारे में पता नहीं, वे गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं.