लखनऊ : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में 14 जनवरी से शुरू हो रही 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' उत्तर प्रदेश में 11 दिनों तक रहेगी. इन 11 दिनों में यात्रा प्रदेश के 20 जिलों से होते हुए कुल 1074 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. कांग्रेस पार्टी ने इन 20 जिलों में उन सभी जिलों को शामिल किया है जो कांग्रेस पार्टी की ओर से 2024 के लोकसभा में पार्टी की तरफ से गठबंधन में दावेदारी की जाने की संभावना है. यह यात्रा बिहार से होते हुए चंदौली और वाराणसी के रास्ते उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करेगी. इसके बाद करीब 11 दिनों बाद यह यात्रा 1074 किलोमीटर का सफर पूरा करने के साथ ही आगरा से होते हुए राजस्थान में प्रवेश कर जाएगी. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने गुरुवार को 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' का पूरा रूट मैप जारी किया है. यूपी में यह यात्रा सबसे अधिक दिनों तक और सबसे लंबी रहने वाली है.
20 दिसंबर से 'यूपी जोड़ो यात्रा' :एक ओर जहां माना जा रहा है कि 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्री रामलला की मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद भारतीय जनता पार्टी चुनावी माहौल बनाने में जुटेगी, वहीं कांग्रेस भी यात्रा को जारी रखकर उत्तर प्रदेश में सियासी माहौल को गर्म रखना चाहती है. 14 जनवरी से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में मणिपुर से मुंबई के लिए 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के रूट फाइनल होने से कांग्रेसियों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जहां राम मंदिर के सहारे भाजपा अपने राजनीतिक एजेंडे को धार देने में जुटी है, वहीं 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के पहले चरण की सफलता को देखते हुए दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश में इस यात्रा के गुजरने से कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने में पार्टी नेताओं को काफी मदद मिलेगी.
इन जिलों से होकर गुजरेगी यात्रा : कांग्रेस की यात्रा 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' बिहार के सासाराम होते हुए चंदौली के रास्ते उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करेगी, यहां से यह वाराणसी, प्रयागराज, अमेठी, रायबरेली, लखनऊ होते हुए सीतापुर, शाहजहांपुर, बरेली पहुंचेगी. यात्रा बदायूं, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा के रास्ते आगरा होते हुए राजस्थान के धौलपुर जिले में प्रवेश करेगी. उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने बताया कि 'कांग्रेस ने इस यात्रा में अपनी परंपरागत सीटें रायबरेली, अमेठी के अलावा पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की इलाहाबाद (फूलपुर संसदीय सीट) जो अब प्रयागराज में आता है, उसे भी यात्रा में शामिल किया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी की सीट को भी यात्रा में लेकर कांग्रेस ने एक बड़ा सियासी दांव चलने की कोशिश की है.
पूर्वांचल के जिले यात्रा में शामिल नहीं :कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जो 20 जिले यात्रा में शामिल किए गए हैं, उनमें से ज्यादातर जिलों में कांग्रेस 2024 की लोकसभा चुनाव में अपनी दावेदारी पेश कर सकती है. विशेष तौर पर सेंट्रल यूपी की रायबरेली, अमेठी, प्रयागराज के अलावा लखीमपुर, सहारनपुर, बिजनौर, अलीगढ़ जैसे संसदीय सीट पर कांग्रेस पार्टी की नजर है. इसके अलावा इस यात्रा का रूट प्लान तय करते समय कांग्रेस ने अपने 'इंडिया' गठबंधन के सहयोगी दल समाजवादी पार्टी के मजबूत गढ़ पूर्वांचल के जिलों को यात्रा में शामिल नहीं किया है. बस वह चंदौली और बनारस के माध्यम से पूरे पूर्वांचल को एक संदेश देते हुए आगे बढ़ेगी.