बेतिया: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा सिर्फ बिहार के रहने वालों के लिए सिर्फ एक पर्व हीं नहीं बल्कि अपनी परंपरा और अपनी आस्था को जोड़ने वाला पर्व है. बिहार के लोग चाहे सात समुंदर पार रहते हों, उनको छठ पर्व की सुगंध अपनी मिट्टी पर लेकर चली आती है. छठ के समय छठ पर्व के सुगंध का अनुभव देश-विदेश में रहने वाले बिहार वासियों को होने लगती है. सात समंदर पार से छठ मनाने के लिए अपनी जन्मभूमि पर खींचे चले आते हैं. कुछ ऐसी ही कहानी लंदन में रेडियो जॉकी में काम करने वाली चंदा झा की है.
छठ पर्व लंदन टू बेतिया : सिकटा प्रखण्ड स्थित बेहरी बनकटवा गांव के रहने वाले बृजमोहन झा की बेटी चंदा झा 22 वर्ष पहले लंदन गई. वहां जाकर उन्होंने अच्छा मुकाम हासिल किया और लंदन में ही रह गई. लेकिन छठ के समय वह खुद को रोक नहीं पाई. सात समुंदर पार कर अपने गांव सिकटा प्रखण्ड स्थित बेहरी बनकटवा अपने घर आ गई है. चंदा झा पूरे परिवार के साथ छठ पर्व मना रही हैं. चंदा झा ने बताया कि छठ मनाने को लेकर वे काफी उत्साहित रहती है. लंदन में छठ करती है. लेकिन इसबार अपनी जन्म धरती पर छठ करने आई हैं.
''छठ माता के प्रसाद के लिए चूल्हा बनाने से लेकर छठ घाट तक दौरा ले कर जाना. इन सब चीजों का अनुभव बिहार आकर ही होता है. अपने बच्चों को अपनी परंपरा से रूबरू कराना भी जरूरी है, ताकि हमारे बच्चे कहीं भी रहे तो अपनी संस्कृति ना भूलें. ऐसा सोचकर इस बार बिहार आई हूं.''- चंदा झा, रेडियो जॉकी प्रस्तुतिकर्ता, लंदन