दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की उत्तराखंड के इस ज्योतिष ने बनाई थी जन्मकुंडली - Astrology RGR Bhardwaj

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) का निधन हो गया है. बकिंघम पैलेस ने निधन की घोषणा कर दी है. वे 70 साल तक ब्रिटेन की महारानी रहीं. उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शोेक जताया है. हाल ही में मसूरी में रहने वाले मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-2 को 6 जून 2022 को पत्र लिखा था. साथ 1956 में उनके ज्योतिष पिता आरजीआर भारद्वाज द्वारा बनाई गई महारानी एलिजाबेथ-2 की जन्म कुंडली की मूल प्रतिलिपि भी भेजी थी.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Sep 9, 2022, 8:34 PM IST

मसूरीःब्रिटेन (Britain) की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन (Queen Elizabeth II death) हो गया है. इससे पहले बकिंघम पैलेस ने जानकारी दी थी कि महारानी को चिकित्सकीय देखरेख में रखा गया है. 96 साल की महारानी पिछले साल अक्टूबर से कई बार तबीयत खराब होने के बाद उबर चुकी थीं. लेकिन इसके चलते उनको चलने और खड़े होने में दिक्कतें हो रही थीं. हाल ही में महारानी एलिजाबेथ परिवार के साथ रहने के लिए स्कॉटलैंड गई थीं.

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि महारानी को हमारे समय की एक दिग्गज के रूप में याद किया जाएगा. उन्होंने अपने राष्ट्र और लोगों को प्रेरित करने वाली लीडरशीप दी. उन्होंने सार्वजनिक जीवन में गरिमा और शालीनता का परिचय दिया. उनके निधन से आहत हूं. इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और ब्रिटेन के लोगों के साथ हैं.

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की उत्तराखंड के इस ज्योतिष ने बनाई थी जन्मकुंडली

मसूरी से जुड़ा है कनेक्शनः दूसरी तरफ महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का कनेक्शन उत्तराखंड के मसूरी से भी जुड़ा है. हाल ही में मसूरी के मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज (Famous historian Gopal Bhardwaj) ने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-2 को पत्र लिखकर उनके 70 साल के शासनकाल के लिए शुभकामनाएं दी थीं. साथ ही 1956 में उनके पिता ज्योतिष आरजीआर भारद्वाज (Astrology RGR Bhardwaj) द्वारा बनाई गई महारानी एलिजाबेथ-2 की जन्मकुंडली की मूल प्रतिलिपि भी भेजी थी. इससे पहले उनके पिता आरजीआर भारद्वाज द्वारा महारानी एलिजाबेथ-2 को 1953 में खत लिखकर उनकी जन्म कुंडली की जानकारी दी गई थी. जिसका उन्हें महारानी की ओर से धन्यवाद पत्र भी मिला था. उस दौरान महारानी एलिजाबेथ-2 की उम्र 26 साल थी.

आरजीआर भारद्वाज ने महारानी-2 की यह जन्म कुंडली 20 मई 1953 में बनाई थी. जन्म कुंडली के मुताबिक, बताया था कि महारानी एलिजाबेथ-2 का शासन ऐतिहासिक रहेगा. महारानी शांतिपूर्ण तरीके से अपना शासन चलाएंगी और उनकी आयु लंबी होगी. इस दौरान महारानी एलिजाबेथ-2 की उम्र 96 साल हो गई है और 70 साल उनके शासन को हो गए.

ज्योतिष भारद्वाज ने की थी भविष्यवाणीःइतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने बताया कि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-2 पूरी दुनिया में जानी जाती थीं. 14 देशों के राष्ट्रपति उनसे मुलाकात कर चुके थे. महारानी एलिजाबेथ-2 की जन्म कुंडली में खास बात थी कि उनकी लंबी उम्र होगी और उनके शासन में किसी प्रकार की कोई बड़ी दुर्घटना नहीं होगी और वह शांतिपूर्ण तरीके से अपने राज्य को संचालित करेंगी. पूरी दुनिया में उनका नाम प्रसिद्ध होगा.
ये भी पढ़ेंः मसूरी में आज भी मौजूद है 400 साल पुराना हस्तलिखित पंचांग

एलिजाबेथ द्वितीय के बारे में जानिए: एलिजाबेथ द्वितीय का जन्म 21 अप्रैल 1926 को मेफेयर, लंदन, इंग्लैंड में हुआ था. वो यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड, जमैका, बारबाडोस, बहामास, ग्रेनेडा, पापुआ न्यू गिनी, सोलोमन द्वीपसमूह, तुवालू, सेंट लूसिया, सेंट विन्सेंट और ग्रेनाडाइन्स, बेलीज़, एंटीगुआ और बारमूडा और सेंट किट्स और नेविस की महारानी थीं. इसके अतिरिक्त वह राष्ट्रमण्डल के 54 राष्ट्रों और राज्यक्षेत्रों की प्रमुख थीं और ब्रिटिश साम्राज्ञी के रूप में, वह अंग्रेजी चर्च की सर्वोच्च राज्यपाल थीं. एलिजाबेथ द्वितीय राष्ट्रमण्डल के सोलह स्वतन्त्र सम्प्रभु देशों की संवैधानिक महारानी थीं.

घर पर हुई थी एलिजाबेथ की पढ़ाई: एलिजाबेथ का जन्म लंदन में ड्यूक जॉर्ज़ षष्टम व राजमाता रानी एलिज़ाबेथ के यहां हुआ था. उनकी पढ़ाई घर में ही हुई थी. एलिज़ाबेथ को निजी रूप से पर घर पर शिक्षित किया गया था. उनके पिता ने 1536 में एडवर्ड अष्टम के राज-पाठ त्यागने के बाद राज ग्रहण किया. तब वह राज्य की उत्तराधिकारी हो गयी थीं. उन्होंने दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जनसेवाओं में हिस्सा लेना शुरू किया व सहायक प्रादेशिक सेवा में हिस्सा लिया. 1947 में उनका विवाह राजकुमार फिलिप से हुआ. दोनों के चार बच्चे, चार्ल्स, ऐने, राजकुमार एंड्रयू और राजकुमार एडवर्ड हैं.

1952 में हुआ था एलिजाबेथ का राज्याभिषेक: 6 फरवरी 1952 को अपने राज्याभिषेक के बाद एलिज़ाबेथ राष्ट्रकूल की अध्यक्ष व साथ ही स्वतंत्र देशों यूनाइटेड किंगडम, पाकिस्तान अधिराज्य, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका व सिलोन की शासक रानी बन गयीं. उनका राज्याभिषेक समारोह अपने तरह का पहला ऐसा राज्याभिषेक था जिसका दूरदर्शन पर प्रसारण हुआ था. 1956 से 1992 के दौरान विभिन्न देशों को स्वतंत्रता मिलते रहने से उनकी रियासतों की संख्या कम होती गई. वह विश्व में सबसे वृद्ध शासक और ब्रिटेन पर सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाली रानी रहीं. 9 सितम्बर 2019 को उन्होंने अपनी परदादी महारानी विक्टोरिया के सबसे लंबे शासनकाल के कीर्तिमान को तोड़ दिया था व ब्रिटेन पर सर्वाधिक समय तक शासन करने वाली साम्राज्ञी बन गयी थीं.
ये भी पढ़ेंः पांडुलिपियों के संरक्षण एवं जागरूकता के लिये मसूरी में कार्यशाला का आयोजन

एलिज़ाबेथ के शासन के दौरान यूनाइटेड किंगडम में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए. जैसे अफ्रीका की ब्रिटिश उपनिवेशीकरण से स्वतंत्रता, यूके की संसद की शक्तियों का वेल्स, स्कॉटलैंड, इंग्लैंड व आयरलैंड की संसदों में विभाजन इत्यादि. अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने विभिन्न युद्धों के दौरान अपने राज्य का नेतृत्व किया था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details