नई दिल्ली : कांग्रेस की नेता अलका लांबा 26 अप्रैल को पंजाब के रूपनगर थाने जाएंगी. उन्हें पंजाब पुलिस ने पूछताछ के लिए तलब किया था. अलका लांबा के अलावा रूपनगर पुलिस ने कवि कुमार विश्वास को भी तलब किया है. पंजाब पुलिस 20 अप्रैल को आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व नेता कुमार विश्वास के बाद कांग्रेस नेता अलका लांबा के घर भी पहुंची थी. अलका आप की पूर्व विधायक रही हैं. पंजाब पुलिस ने कुमार विश्वास के खिलाफ राज्य विधानसभा चुनाव से पहले आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 'भड़काऊ बयान' के लिए एफआईआर दर्ज कर रखी है. ऐसा ही आरोप अलका लांबा पर लगाया गया है.
अलका लांबा और कुमार विश्वास को कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों का साथ मिला है. पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह वडिंग राजा ने भी कार्यभार संभालने के बाद आम आदमी पार्टी की आलोचना की थी. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी बदले की भावना के तहत अलका लांबा और कुमार विश्वास पर कार्रवाई कर रही है. कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने डीजीपी से इस मामले को तुरंत खारिज करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि दिल्ली के मास्टर को खुश करने के लिए जो केस दर्ज किया गया है. इस मामले में पंजाब बीजेपी के महासचिव जीवन का कहना है कि आम आदमी पार्टी सरकार ने सोशल मीडिया के आधार पर मोहाली के दो और दिल्ली के बीजेपी कार्यकर्ता पर भी राजनीतिक रंजिश के तहत झूठा मामला दर्ज किया है. जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. माना जा रहा है कि पंजाब पुलिस के इस एक्शन से राज्य के लोगों में भी यह संदेश गया है कि पंजाब को दिल्ली के इशारों पर चलाया जा रहा है. विपक्षी नेताओं का कहना है कि अरविंद केजरीवाल पंजाब सरकार चला रहे हैं जबकि सीएम भगवंत मान मुखौटा हैं. इससे पहले पंजाब के अधिकारियों की मीटिंग लेने को लेकर अरविंद केजरीवाल पर ऐसे आरोप लगे थे.
वहीं इस मामले आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता बलविंदर सिंह कंग ने ट्वीट कर लिखा कि मुझे यह देखकर बड़ा आश्चर्य हो रहा है कि सारे कांग्रेसी, भाजपा नेता कुमार विश्वास के बचाव में उतर आए हैं. आखिर कांग्रेसियों को भाजपा नेताओं से इतना प्यार क्यों है, पंजाब पुलिस पर भरोसा रखें. पंजाब पुलिस को अपना काम क्यों नहीं करने देते?
सियासी हलकों में यह चर्चा है कि दिल्ली को मुख्यमंत्री को पहली बार ऐसे राज्य की सत्ता मिली है, जहां पुलिस स्टेट के पास है. इस कारण अरविंद केजरीवाल पंजाब पुलिस का दुरुपयोग अपनी राजनीतिक हसरत को पूरा करने के लिए कर रहे हैं. कानूनी मामलों के जानकार और हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता चेतन मित्तल कहते हैं कि जिस तरीके की यह एफआईआर दर्ज की गई है वह अपने आप में एक हैरान करने वाली बात है. एफआईआर के मुताबिक शिकायत करने वाला आप का कार्यकर्ता है. उसका आरोप है कि 18 अप्रैल को कुछ लोगों ने कुमार विश्वास और अलका लांबा के बयानों को आधार बनाकर उसे अपशब्द कहे. मगर एफआईआर में ऐसी धाराएं लगाई गईं है, जो दो समुदाय में आपसी विवाद या किसी तरीके का तनाव के कारण बनने पर लगाए जाती हैं. फिलहाल अलका लांबा और कुमार विश्वास के खिलाफ भी और राजनीतिक तौर पर ही मामला दर्ज हुआ दिखाई देता है. अधिवक्ता कहते हैं कि ऐसे बयानों पर सिर्फ मानहानि का ही केस बनता है. अधिवक्ता चेतन मित्तल का भी मानना है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के पास पुलिस नहीं है, इसी वजह से ही पंजाब में इस तरीके से केस दर्ज करवाए गए हैं.