चडीगढ़: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार को मोहाली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. उनकी उम्र 95 वर्ष की थी. पंजाब राज्य के पांच बार मुख्यमंत्री रहे बादल को रविवार को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद निजी अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया था.
जानकारी के अनुसार पिछले साल जून में गैस्ट्राइटिस और ब्रोन्कियल अस्थमा की शिकायत के बाद बादल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पिछले साल फरवरी में, उन्हें पोस्ट-कोविड स्वास्थ्य जांच के लिए मोहाली के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया था, जिस दौरान उनकी कार्डियक और पल्मोनरी जांच भी हुई थी.
आपको बता दें कि शिरोमणि अकाली दल सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी थी, लेकिन संसद में तीन कृषि-विपणन बिलों के पारित होने पर सितंबर 2020 में भगवा पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को छोड़ दिया. बठिंडा की सांसद हरसिमरत कौर बादल के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से भी हाथ खींच लिए.
राजनीतिक करियर: प्रकाश सिंह बादल ने राजनीति के क्षेत्र में वर्ष 1947 में पदार्पण किया. हालांकि, उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनाव वर्ष 1957 में जीता. 1969 में उन्होंने फिर से विधानसभा चुनाव जीता. 1969-1970 तक, उन्होंने सामुदायिक विकास, पंचायती राज, पशुपालन, डेयरी आदि से संबंधित मंत्रालयों में कार्यकारी मंत्री के रूप में कार्य किया. प्रकाश सिंह बादल 1970-71, 1977-80, 1997-2002 में पंजाब के मुख्यमंत्री और 1972, 1980 और 2002 में विपक्ष के नेता रहे.
वह मोरारजी देसाई के शासन के दौरान संसद सदस्य भी बने. प्रकाश सिंह बादल को केंद्रीय मंत्री के रूप में कृषि और सिंचाई मंत्रालय का प्रभार दिया गया था. वर्तमान में प्रकाश सिंह बादल पंजाब के 30वें मुख्यमंत्री थे. इनका कार्यकाल एक मार्च 2007 से 2017 तक का रहा है. इसके अलावा, प्रकाश सिंह बादल पंजाब की एक प्रतिष्ठित सिख-आधारित राजनीतिक पार्टी शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष भी थे.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जताया शोक: पीएम मोदी ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री व शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल के निधन पर शोक जताया और कहा कि उन्होंने ना सिर्फ पंजाब की प्रगति के लिए अथक प्रयास किये, बल्कि देश के विकास में भी बहुत योगदान दिया.