चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा के चुनाव में कई बड़ी पार्टियों के उम्मीदवार जो किसी समय सरकार बनाने के दावे कर थे, लेकिन बदलाव की आंधी में अपनी ही जमानत नहीं बचा पाए. बड़ी बात यह है कि ये उम्मीदवार निर्दलीय नहीं बल्कि पार्टियों के हैं. इसमें यदि पार्टियों के हिसाब से देखें तो भाजपा के 54, अकाली दल 27 और कांग्रेस के 30 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है.
इतना ही नहीं पंजाब लोक कांग्रेस के अधिकतर उम्मीदवार भी अपनी जमानत नहीं बचा सके. इसी तरह शिरोमणि अकाली दल संयुक्त के परमिंदर सिंह ढींढसा को छोड़कर सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. वहीं बहुजन समाज पार्टी ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें 12 उम्मीदवारों की जमानत जब्त कर ली गई. दूसरी राज्य में भारी जीत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी के एक उम्मीदवार राणा रणजीत सिंह को भी जमानत गंवानी पड़ी.
अकाली दल
इस पार्टी के बड़े चेहरों में लेहरा गागा से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल, लुधियाना (पश्चिम) से महेश इंदर सिंह ग्रेवाल, लुधियाना पूर्व से धूरी से आरडी शर्मा,आत्मानगर से प्रकाश चंद गर्ग शामिल हैं. इसी प्रकार अमृतसर पूर्व से हरीश राय ढांडा, अमृतसर पूर्व से दलबीर सिंह, फतेहगढ़ साहिब से जगदीप सिंह चीमा, फाजिल्का से हंस राज जोशन, मलेरकोटला से नुसरत खान, सुजानपुर से राजकुमार गुप्ता और सुनाम से बलदेव सिंह मान जमानत नहीं बचा सके.
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कांग्रेस
कांग्रेस उम्मीदवारों में मुख्य रूप से जलालाबाद से मोहन सिंह फलियांवाला, लंबी से जगपाल सिंह, पूर्व सीएम दिवंगत हरचरण सिंह बराड़ की बहू मुक्तसर से करण कौर बराड़, दिर्भा से अजीब सिंह रतौल, नवांशहर से सतवीर सिंह पाली झिकी, पटियाला से विष्णु शर्मा के अलावा दरबारा सिंह आदि की जमानत जब्त कर ली गई.
भाजपा
पंजाब लोक कांग्रेस के साथ गठबंधन के बाद भी भारतीय जनता पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा. पार्टी के कई बड़े नेताओं की जमानत जब्त हो गई और कुल 54 उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा सके. पार्टी के 76 उम्मीदवार मैदान में थे. इनमें दिवंगत जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहड़ा के पौत्र अमलोह से प्रत्याशी कंवरवीर सिंह टोहड़ा की जमानत भी जब्त कर ली गई है. जिन प्रमुख भाजपा नेताओं की जमानत जब्त हुई है उनमें अमृतसर (पूर्व) से जगमोहन सिंह राजू के अलावा बठिंडा (शहरी) निर्वाचन क्षेत्र से राज नंबरदार, गिल निर्वाचन क्षेत्र से सुच्चा राम लधर, हलका रोपड़ से डॉ. हरजोत कमल और लालपुरा से इकबाल सिंह शामिल हैं.
बादल परिवार में सुखबीर को मिले ज्यादा वोट
वोटों के लिहाज से बादल परिवार को देखें तो पिछले दो चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि इनमें से सुखबीर बादल को सबसे ज्यादा वोट मिले हैं. हालांकि वे इस बार चुनाव हार गए हैं, लेकिन घरवालों के बीच उनके वोट अभी भी सबसे अधिक हैं. जलालाबाद में इस बार उन्हें 60525 वोट मिले जबकि 2017 में उन्होंने 75271 वोट हासिल कर आम आदमी पार्टी के भगवंत मान को हराया था. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी (Aam Adami Party) के उम्मीदवार जगदीप कंबोज सुखबीर बादल को 23310 वोटों से मात दी. आप उम्मीदवार कंबोज को 74226 वोट मिले.
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इसी तरह, प्रकाश सिंह बादल को इस बार 2017 में 66375 के मुकाबले 54917 वोट मिले थे. 94 वर्षीय प्रकाश सिंह बादल को खुड्डियां ने 11,396 मतों से हराया. मजीठा से बिक्रम सिंह मजीठिया पिछली बार 65803 वोट पाकर जीते थे और इस बार पंजाब में मजीठिया की पत्नी गुनीव कौर ने परिवार का सम्मान बनाए रखा और 5707 वोट पाकर जीत हासिल की. इसी प्रकार पट्टी से बादल परिवार के दामाद आदेश प्रताप सिंह कैरों इस बार भी हार गए हैं. उन्हें इस बार 46324 वोट मिले और आम आदमी पार्टी के लालजीत सिंह भुल्लर जीते. पिछली बार कैरों को 56,254 वोट मिले थे और कांग्रेस के हरमिंदर गिल विजेता रहे थे.