बेंगलुरु : कर्नाटक में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने केंद्र की भाजपा सरकार पर राज्य में '40 प्रतिशत कमीशन सरकार' का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए पुलिस उप-निरीक्षकों (पीएसआई) की भर्ती में कथित घोटाले की उच्च न्यायालय के किसी मौजूदा न्यायाधीश के नेतृत्व में जांच कराने की बुधवार को मांग की. सिद्धरमैया ने कथित घोटाले के सिलसिले में गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के इस्तीफे और उच्च शिक्षा मंत्री सी एन अश्वथ नारायण को बर्खास्त करने की भी मांग की.
सिद्धरमैया ने कहा कि हम पीएसआई भर्ती घोटाले की उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच की मांग करते हैं क्योंकि पुलिस, नेता, मंत्री इसमें शामिल हैं. सच्चाई सामने नहीं आएगी, दोषियों को दंडित नहीं किया जाएगा, क्योंकि वर्तमान में सीआईडी घोटाले की जांच कर रही है. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि तथ्य सामने लाने के लिए स्वतंत्र न्यायिक जांच की जरूरत है. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि हम गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के इस्तीफे की भी मांग करते हैं, जो बुरी तरह विफल रहे हैं. इसके अलावा, हम उच्च शिक्षा मंत्री सी एन अश्वथ नारायण को बर्खास्त करने की भी मांग करते हैं. उनके खिलाफ आरोप हैं... सहायक प्रोफेसरों के चयन के संबंध में उनके विभाग में भी एक घोटाला हुआ है.
उन्होंने कहा कि वे दोनों कर्नाटक के लोगों के प्रति जवाबदेह हैं. मंत्री के रूप में बने रहने का कोई नैतिक या कानूनी अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं और मामले को जांच के लिए न्यायिक आयोग के पास नहीं ले जाते हैं तो हम जनता की अदालत में जाएंगे. कांग्रेस ने हाल ही में दावा किया था कि नारायण के भाई पुलिस उप-निरीक्षकों की भर्ती में धांधली करने में शामिल थे.