मोहाली : पंजाब पुलिस ने मंगलवार को चंडीगढ़ की ओर कूच रहे किसानों को रोक दिया. संयुक्त किसान मोर्चा समेत अन्य संगठनों से जुड़े किसानों ने पंजाब की आम आदमी सरकार के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए चंडीगढ़ में प्रदर्शन करने का ऐलान किया था. मगर पुलिस ने उन्हें मोहाली बॉर्डर पर ही रोक दिया. राजधानी में घुसने से रोकने पर किसान चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास धरने पर बैठ गए .
पंजाब सरकार को चेतावनी देते हुए किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री भगवंत मान बुधवार तक प्रदर्शनकारियों के साथ बात नहीं करते हैं और उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा तो किसान बैरिकेड तोड़ते हुए चंडीगढ़ की ओर कूच करेंगे. उधर, किसान संगठनों के अनिश्चितकालीन प्रदर्शन के आह्वान के मद्देनजर चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर बडी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है. मोहाली पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को चंडीगढ़ में प्रवेश करने से रोकने के लिए बैरिकेड लगाए हैं. साथ ही वहां पानी की बौछार करने के लिए वाहन तैनात किए हैं. बता दें कि गेहूं के लिए बोनस और 10 जून से धान की बुवाई शुरू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर किसानों ने अनिश्चितकालीन आंदोलन का ऐलान किया है. उनका कहना है कि अगर सरकार नहीं मानी तो वह किसान आंदोलन की तर्ज पर लंबे समय तक प्रदर्शन करेंगे.
किसानों की मांगों की फेहरिश्त काफी लंबी है. वह प्रति क्विंटल गेहूं पर 500 रुपये का बोनस चाहते हैं क्योंकि भीषण गर्मी के कारण उनकी उपज घट गई है और गेहूं के दाने सिकुड़ गए हैं. इसके अलावा वह बिजली बिल कम करने की मांग कर रहे हैं, जिसका वादा आप ने चुनाव के दौरान किया था. उनकी मांग है कि बिजली लोड को बढ़ाने पर लगने वाले शुल्क को 4,800 रुपये से घटाकर 1,200 रुपये करने किया जाए और खेतों के लिए 10-12 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित किया जाए. इसके अलावा मक्का और मूंग के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और बकाया गन्ना भुगतान को लेकर भी उनका सरकार से रस्साकशी जारी है. प्रदर्शनकारी स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का भी विरोध कर रहे हैं.