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मोहाली-चंडीगढ़ बॉर्डर पर रोके गए प्रदर्शनकारी किसान धरने पर बैठे - मोहाली चंडीगढ़ बॉर्डर पर रोके गए

पंजाब चुनाव के दौरान किसानों के लिए किए गए वादे अब मान सरकार के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं. राज्य के किसानों ने वादा पूरा नहीं करने और अपनी मांगों को लेकर चंडीगढ़ में प्रदर्शन का ऐलान किया है. मंगलवार को पंजाब पुलिस ने मोहाली-चंडीगढ़ बॉर्डर पर उन्हें रोक लिया. इसके बाद से किसानों ने वहीं धरना शुरू कर दिया है.

Mohali Farmers Dharna
Mohali Farmers Dharna

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Published : May 17, 2022, 10:22 PM IST

मोहाली : पंजाब पुलिस ने मंगलवार को चंडीगढ़ की ओर कूच रहे किसानों को रोक दिया. संयुक्त किसान मोर्चा समेत अन्य संगठनों से जुड़े किसानों ने पंजाब की आम आदमी सरकार के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए चंडीगढ़ में प्रदर्शन करने का ऐलान किया था. मगर पुलिस ने उन्हें मोहाली बॉर्डर पर ही रोक दिया. राजधानी में घुसने से रोकने पर किसान चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास धरने पर बैठ गए .

पंजाब सरकार को चेतावनी देते हुए किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री भगवंत मान बुधवार तक प्रदर्शनकारियों के साथ बात नहीं करते हैं और उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा तो किसान बैरिकेड तोड़ते हुए चंडीगढ़ की ओर कूच करेंगे. उधर, किसान संगठनों के अनिश्चितकालीन प्रदर्शन के आह्वान के मद्देनजर चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर बडी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है. मोहाली पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को चंडीगढ़ में प्रवेश करने से रोकने के लिए बैरिकेड लगाए हैं. साथ ही वहां पानी की बौछार करने के लिए वाहन तैनात किए हैं. बता दें कि गेहूं के लिए बोनस और 10 जून से धान की बुवाई शुरू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर किसानों ने अनिश्चितकालीन आंदोलन का ऐलान किया है. उनका कहना है कि अगर सरकार नहीं मानी तो वह किसान आंदोलन की तर्ज पर लंबे समय तक प्रदर्शन करेंगे.

किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर बुधवार तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वह दिल्ली की तर्ज पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे.

किसानों की मांगों की फेहरिश्त काफी लंबी है. वह प्रति क्विंटल गेहूं पर 500 रुपये का बोनस चाहते हैं क्योंकि भीषण गर्मी के कारण उनकी उपज घट गई है और गेहूं के दाने सिकुड़ गए हैं. इसके अलावा वह बिजली बिल कम करने की मांग कर रहे हैं, जिसका वादा आप ने चुनाव के दौरान किया था. उनकी मांग है कि बिजली लोड को बढ़ाने पर लगने वाले शुल्क को 4,800 रुपये से घटाकर 1,200 रुपये करने किया जाए और खेतों के लिए 10-12 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित किया जाए. इसके अलावा मक्का और मूंग के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और बकाया गन्ना भुगतान को लेकर भी उनका सरकार से रस्साकशी जारी है. प्रदर्शनकारी स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का भी विरोध कर रहे हैं.

बता दें कि किसान आंदोलन की तरह प्रदर्शनकारी राशन, बिस्तर, पंखे, कूलर, बर्तन, रसोई गैस सिलेंडर और अन्य सामान लेकर मोहाली के गुरुद्वारा अंब साहिब में एकत्रित हुए. किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली, बसों और अन्य वाहनों में राशन और अन्य आवश्यक सामान लेकर आए हैं. किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि चंडीगढ़ के डीजीपी ने उन्हें मुख्यमंत्री मान के साथ बुधवार को सुबह 11 बजे एक मीटिंग कराने की जानकारी दी है. अगर सीएम नहीं मिले तो मुख्य सचिव के साथ बैठक हो सकती है.

गुरुद्वारा अंब साहिब से अपने मार्च की शुरुआत करने बाद मंगलवार को किसानों को चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास रोका गया है. किसान नेताओं का कहना है कि वह बॉर्डर पर ही शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करेंगे. भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा कि किसान राज्य सरकार के साथ कोई टकराव नहीं चाहते हैं, लेकिन अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे बुधवार को बैरिकेड को तोड़कर चंडीगढ़ की ओर बढ़ेंगे. लाखोवाल ने कहा कि 17 अप्रैल को मुख्यमंत्री के साथ अपनी पिछली बैठक के दौरान, उन्होंने 11 मांगों का एक मसौदा प्रस्तुत किया था और मान ने उन्हें हल करने का आश्वासन दिया था. लेकिन अभी तक उनकी एक भी मांग अभी तक स्वीकार नहीं की गई है.

इस बीच मोहाली बॉर्डर रोके गए किसानों ने सड़कों पर अपने वाहन खड़े कर दिए हैं. दिल्ली के आंदोलन की तरह वहां चाय बनाना भी शुरू कर दिया है. आप की पंजाब इकाई के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और वह उनकी वास्तविक मांगों को पूरा करेगी. इससे पहले दिन में पुलिस उप महानिरीक्षक गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने किसान नेताओं से मुलाकात की थी.

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