नई दिल्ली:श्रद्धा वॉकर हत्याकांड को कई महीने बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक इस मामले में नई-नई बातें निकलकर सामने आ रही हैं. इस मामले में अब अभियोजन पक्ष ने काउंसलिंग ऑनलाइन सत्र के दौरान, आफताब से श्रद्धा की बातचीत का ऑडियो अदालत के साथ साझा किया है. श्रद्धा ने एक मनोचिकित्सक को ऑनलाइन काउंसलिंग के दौरान बताया था कि उसके प्रेमी ने बार-बार उसका शिकार करने की धमकी दी थी. ऑडियो में उसने कहा गया था वह उसे ढूंढेगा और मार डालेगा.
इस काउंसलिंग सत्र में मौजूद आफताब से मनोचिकित्सक ने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए, बल्कि समस्याओं पर बात करनी चाहिए. ऑडियो में आफताब को यह कहते हुए सुना गया कि वह ऐसा व्यक्ति नहीं जो यह करना चाहता हो. हालांकि ऑडियो क्लिप में यह स्पष्ट नहीं है कि हेल्थकेयर ऐप के साथ काउंसलिंग सत्र किसने बुक किया था और ये सत्र श्रद्धा की हत्या के कितने समय पहले हुआ था. लेकिन श्रद्धा की दलीलों और आफताब के शब्दों से स्पष्ट है कि उसने उसे कई बार पीटा व एक बार बेहोश भी कर दिया था. 34 मिनट की इस ऑडियो क्लिप में श्रद्धा को काउंसलर से यह कहते सुना गया कि, मुझे नहीं पता कि उसने मुझे कितनी बार मारने की कोशिश की और यह पहली बार नहीं है जब उसने मुझे मारने की कोशिश की है. आज लगभग दो बार मारा गया.
इस दौरान उसने यह भी कहा कि, जिस तरह उसने मेरी गर्दन पकड़ी, मेरी आंखों के सामने पूरी तरह अंधेरा हो गया था. मैं 30 सेकंड से ज्यादा समय तक सांस लेने में असमर्थ थी. शुक्र है कि मैं उसके बाल खींचकर अपना बचाव करने में सफल रही. उसने कहा कि, मैं गुस्से में आकर चिल्लाना शुरू कर देती हूं. अगर वह कहीं आसपास है, मुंबई या इस शहर में मेरे आसपास कहीं भी. वह मुझे ढूंढेगा और मेरा शिकार करेगा. यही समस्या है. श्रद्धा ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि आफताब की उसे मारने की इच्छा थी. श्रद्धा ने फिर उससे कहा कि, मैं विनती करती हूं तुम मुझे मत मारो, हमें बात करनी चाहिए. मैं तुमसे दो साल से बात करने के लिए कह रही हूं.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, काउंसलिंग के लिए तीन सत्र बुक किए गए थे, जिनमें से एक को रद्द कर दिया गया था. दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अमित प्रसाद और मधुकर पांडेय ने कहा कि, यह महत्वहीन है कि मामला प्रत्यक्ष या परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित है या नहीं. श्रद्धा ने काउंसलर को बताया कि, आफताब की प्रवृत्ति उसे मारने की थी. एसपीपी प्रसाद ने अदालत से कहा कि, यह स्पष्ट रूप से आपत्तिजनक परिस्थिति हैं, जो विश्वसनीय और पुख्ता सबूतों के माध्यम से सामने आई हैं. ये परिस्थितियां घटनाओं की श्रृंखला जो धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के साक्ष्य को गायब करने या अपराधी द्वारा झूठी जानकारी देने के कारण) के तहत अपराधों के लिए अभियुक्तों के अपराध के बारे में एक अपरिवर्तनीय निष्कर्ष की ओर ले जाती है.
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अभियोजन पक्ष के वकील ने तीन सेलफोन जमा किए जो श्रद्धा के थे. इनमें उसके दो बैंक खातों और एक क्रेडिट कार्ड में लेनदेन के सबूत भी हैं. दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि उन्हें हड्डियां, जबड़े के टुकड़े और खून के निशान मिले हैं, जिनकी पहचान श्रद्धा के अंगों के रूप में की गई है. डीएनए प्रोफाइलिंग का उपयोग करके रक्त का मिलान किया गया था, जबड़े की पहचान एक दंत चिकित्सक द्वारा की गई थी और हड्डियों पर आरी के उपयोग की पुष्टि एम्स द्वारा की गई थी. अभियोजन पक्ष ने कहा कि आफताब ने एक रेफ्रिजरेटर, एक आरी ब्लेड, पानी, क्लीनर और अगरबत्ती खरीदी थी. श्रद्धा को पहले एक अंगूठी पहने हुए देखा गया था, जो शायद आफताब ने किसी और महिला को दे दी हो. बाद में उस महिला ने जांचकर्ताओं के सामने वो अंगूठी पेश की थी. वहीं आफताब की पैरवी कर रहे अधिवक्ता जावेद हुसैन ने दलीलें सुनने के लिए अदालत से समय की मांग की. इसके बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनीषा खुराना कक्कड़ की अदालत ने मामले की सुनवाई 25 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी.
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