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सहकारिता को और सशक्त बनाना चाहती है सरकार : अमित शाह

नेशल कोऑपरेटिव यूनियन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष दिलीप संघानी, इफको के चेयरमैन बी एस नकई और प्रबंध निदेशक यू एस अवस्थी के साथ नाफेड के चेयरमैन डॉ. बिजेंद्र सिंह ने गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की.

amit shah
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Published : Jul 10, 2021, 3:58 PM IST

Updated : Jul 10, 2021, 7:04 PM IST

नई दिल्ली : देश के सहकारी क्षेत्र की कुछ प्रमुख हस्तियों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से शनिवार को मुलाकात की. गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार सहकारी समितियों और सभी सहकारी संस्थानों को और सशक्त बनाने के लिए दृढ़ है.

यह मुलाकात प्रधानमंत्री द्वारा तीन दिन पहले मंत्रिमंडल में बदलाव किए जाने के बाद हुई है जिसमें शाह को नव गठित सहकारिता मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है.

गृह मंत्री से मुलाकात करने वालों में नेशल कोऑपरेटिव यूनियन ऑफ इंडिया (एनसीयूआई) के प्रमुख दिलीप संघानी, इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) के प्रमुख बी एस नकई और प्रबंध निदेशक यू एस अवस्थी और नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नाफेड) के प्रमुख बिजेंद्र सिंह शामिल थे.

शाह ने ट्वीट किए, आज एनसीयूआईआई के प्रमुख श्री दिलीप संघानी जी, इफको के प्रमुख बी एस नकई , प्रबंध निदेशक यू एस अवस्थी और नाफेड के प्रमुख डॉ बिजेंद्र सिंह से मुलाकात की.

उन्होंने कहा, मोदी जी के नेतृत्व में, हम सहकारी समितियों और सहकारी संस्थानों को और सशक्त बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं.

अधिकारियों ने बताया कि भले ही शाह ने अभी तक सहकारिता मंत्रालय का प्रभार नहीं संभाला है लेकिन उन्होंने लोगों से मुलाकात करना शुरू कर दिया है.

एनसीयूआई ने अलग से जारी एक बयान में कहा कि बैठक में मंत्री ने इफको और कृभको जैसे सहकारी संस्थानों से कहा कि वे 38 हजार हेक्टेयर की खाली भूमि का इस्तेमाल करते हुए बीज उत्पादन और जैविक खेती के क्षेत्र में काम करें.

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इसमें कहा गया कि मंत्री ने यह आश्वासन भी दिया कि सरकार देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है जिसका लाभ जमीनी स्तर की सहकारी संस्थाओं को मिलेगा.

बयान के मुताबिक, शाह ने प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन भी दिया कि देश में प्राथमिक कृषि सहकारिताओं को मजबूती देने के लिये उन्हें भी वही लाभ और रियायत दी जाएंगी जो कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को दी जाती हैं.

बैठक में मंत्री ने यह इच्छा भी व्यक्त की कि राज्य स्तरीय सहकारी संस्थानों के प्रतिनिधियों का एक सम्मेलन भी एनसीयूआई, इफको और अन्य सहकारी संस्थानों द्वारा आयोजित किया जाना चाहिए जिससे उन सहकारी आंदोलनों के सामने आ रही चुनौतियों पर चर्चा की जा सके.

प्रतिनिधिमंडल ने शाह को सहकारी आंदोलन की समस्याओं और चुनौतियों से अवगत कराया.

सरकार ने हाल में हाल में सहकारिता मंत्रालय का गठन किया है जो पूर्व में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत एक छोटा सा विभाग था.

Last Updated : Jul 10, 2021, 7:04 PM IST

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