शिमला: हिमाचल प्रदेश में सेब की करीब 5 हजार करोड़ रुपये की आर्थिकी है. इस पर करीब दो लाख परिवार सीधे तौर पर निर्भर हैं, जबकि लाखों लोग अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार से जुड़े हैं. मगर सेब की आर्थिकी बुरे दौर से गुजर रही है. हिमाचल के बागवानों को विदेशों से आयात होने वाले सेब से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, केंद्र सरकार द्वारा अमेरिकी सेब पर फिर से आयात शुल्क को घटाने की चर्चाएं हैं. कुछ समय पहले केंद्र सरकार ने अमेरिकी सेब पर आयात शुल्क 70 फीसदी से घटाकर 50 फीसदी किया था, अब इसको घटाकर 15 फीसदी तक किया जा रहा है. इसका सीधा असर प्रदेश के बागवानों पर पड़ेगा.
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने हिमाचल दौरे के दौरान प्रदेश के बागवानों का दर्द बयां किया और उनके हित में बड़ी बात कही. प्रियंका गांधी ने कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार नीतियां लागू कर रही हैं उससे प्रदेश के बागवानों की मुश्किलें बढ़ेगीं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अमेरिकी सेब पर आयात शुल्क 35 फीसदी कम कर इसे 15 फीसदी तक करने का फैसला लिया है. ऐसे वक्त जब हिमाचल के बागवान आपदा का सामना कर रहे हैं और उनको मदद की जरूरत है. केंद्र सरकार आयात शुल्क घटाकर उनकी मुश्किलें बढ़ाने का काम कर रही हैं. प्रियंका गांधी ने कहा कि अमेरिकी सेब के आयात शुल्क घटाने से इसका आयात आसान होगा. उन्होंने कहा कि चिंता जताते हुए कहा कि ऐसी हालात में हिमाचल के बागवानों का क्या होगा.
अडानी के सेब के दाम गिराने पर भी बोली प्रियंका:प्रदेश में अडानी की कंपनी द्वारा सेब दाम मंडियों से कम तय करने का भी प्रियंका गांधी ने जिक्र किया. प्रियंका गांधी ने बिना नाम लिए बगैर अडानी पर निशाना साधा और कहा कि जिस तरह शिमला में बड़े उद्योगपतियों ने सेब के दाम कम किए हैं. उससे भी हिमाचल के बागवानों को नुकसान होगा. प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रदेश में आपदा के समय किसानों और बागवानों की मदद की जरूरत है लेकिन इस तरह के फैसले लेकर बागवानों के हितों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है.
'प्रदेश के बागवानों को कड़ी प्रतिस्पर्धा का करना पड़ेगा सामना': देश में अमेरिकी सेब का बड़े स्तर पर आयात होता है. दरअसल भारत आयात होने वाले सेब में अमेरिकी की मात्रा काफी ज्यादा है. अमेरिकी सेब पर आयात शुल्क कम करने से सेब का आयात बढ़ेगा, जिससे हिमाचल के बागवानों को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा. बता दें कि साल 2017-18 में जब अमेरिका के वॉशिंगटन एप्पल पर आयात शुल्क 50 फीसदा था तब वॉशिंगटन सेब का भारत के लिए 1,27,908 मीट्रिक टन आयात किया गया.