नई दिल्लीःकुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहेपहलवानों को समर्थन देने शनिवार सुबह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जंतर-मंतर पर पहुंची. उनके साथ कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी मौजूद थे. इससे पहले, हुड्डा शुक्रवार को भी जंतर-मंतर पर पहुंचे थे. पहलवानों के प्रदर्शन का शनिवार को सातवां दिन है. पहलवानों का कहना है कि जब तक बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता, तब वह धरना पर बैठे रहेंगे.
प्रियंका गांधी ने पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया से काफी देर तक अकेले में बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना. इस दौरान कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा भी नजर आए और उन्होंने भी खिलाड़ियों से बातचीत की. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि देश के प्रधानमंत्री पर मुझे बिल्कुल विश्वास नहीं है. अगर उन्हें इतनी ही बेटियों की चिंता होती तो वह उनसे आकर यहां पर बात करते. उनका हाल-चाल जानते, लेकिन देश के प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं किया. सिर्फ एक व्यक्ति को बचाने के लिए पूरी सरकार लगी हुई है.
प्रियंका गांधी ने पहलवानों से मुलाकात के बाद कहा कि दो एफआईआर दर्ज हुई हैं, लेकिन कॉपी नहीं मिली है. जब दो एफआईआर दर्ज हुए हैं तो कॉपी क्यों नहीं दी गई? कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया कि जांच चल रही है तो अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया. प्रियंका गांधी ने इशारों ही इशारों में केंद्र की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि बहुत सारी लड़कियां है जिनके साथ ऐसा हुआ है. मैं समझना चाहती हूं कि सरकार इनको क्यों बचा रही है? प्रधानमंत्री से मेरी कोई उम्मीद नहीं है. मेडल लेकर आए तो घर बुलाया, अब क्यों नहीं बुला रहे हैं. इस आदमी को बचाने के लिए इतना क्यों किया जा रहा है.
पूरी सरकार एक व्यक्ति को बचाने में लगीः प्रियंका
उन्होंने कहा कि आज बड़ी हैरानी की बात है कि एक तरफ सरकार कहती है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, लेकिन दूसरी तरफ अपराधियों का सरकार संरक्षण कर रही है. इस सरकार में बलात्कारियों को कुर्सी पर बैठाया जा रहा है. कोई उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. यह बेटियां न्याय के लिए पिछले छह 7 दिनों से यहां पर धरना दे रही हैं. पूरा देश इनके साथ है, लेकिन सरकार सिर्फ एक व्यक्ति को बचाने में लगी हुई हैं. इस मामले पर मैं चाहती हूं कि कोई भी इस पर राजनीति ना करें. यह देश के भविष्य हैं. इनके साथ खिलवाड़ ना किया जाए. दिल्ली पुलिस ने एफआईआर तो की है लेकिन एफआईआर कॉपी इनको क्यों नहीं सौंपी है? और उस एफआईआर में क्या लिखा गया है? अभी तक इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं हुआ है.