नई दिल्ली :कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान लोगों के साथ खड़े नहीं होकर शासन करने का अपना नैतिक अधिकार 'नि:संदेह' खो चुके हैं. साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि महामारी के दौरान वह चुनावों में स्वयं को श्रेष्ठ साबित करने का खेल खेलते रहे.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री पर तीखा हमला बोला और कहा कि विश्वसनीय राजनीतिक विकल्प के अभाव का यह मतलब नहीं है कि प्रधानमंत्री को यह सोचकर अपने कर्तव्य का निर्वहन करना छोड़ देना चाहिए कि उनका राजनीतिक भविष्य सुरक्षित है.
सिब्बल ने सरकार पर भी कोविड रोधी टीकाकरण की कारगर रणनीति बनाने में विफल रहने का आरोप लगाया और कहा कि यह अपराधिक लापरवाही है तथा सरकार की प्राथमिकताएं 'गलत हैं और उसमें गंभीरता की कमी' है.
उनके मुताबिक, टूलकिट मुद्दा कुछ नहीं, बल्कि सरकार की नाकामियों से ध्यान भटकाने के लिए 'जालसाजी' का प्रयास है.
उन्होंने दावा किया, 'महामारी के दौरान जब लोग चिकित्सीय मदद के लिए अस्पतालों के बाहर कतारों में थे तो उस समय प्रधानमंत्री को लोगों का साथ देना चाहिए था, लेकिन वह पश्चिम बंगाल, असम और कुछ अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान स्वयं को राजनीतिक रूप से श्रेष्ठ साबित करने की होड़ में लगे थे. वह शासन करने का अधिकार नि:संदेह खो चुके हैं.'