लुम्बिनी (नेपाल) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साझी विरासत, संस्कृति और आस्था को भारत-नेपाल रिश्तों की सबसे बड़ी पूंजी करार दिया है. सोमवार को पीएम मोदी ने कहा कि मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में दोनों की मजबूत होती मित्रता व घनिष्ठता, संपूर्ण मानवता के हित का काम करेगी. एकदिवसीय नेपाल यात्रा पर यहां पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी में बुद्ध जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. भगवान बुद्ध को 'मानवता के सामूहिक बोध का अवतरण' बताते हुए मोदी ने कहा कि वह 'बोध' भी हैं और 'शोध' भी हैं. उन्होंने बुद्ध को एक विचार और संस्कार भी बताया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि साझी विरासत, साझी संस्कृति और साझी आस्था और साझा प्रेम हमारी सबसे बड़ी पूंजी है. यह पूंजी जितनी समृद्ध होगी, हम उतने ही प्रभावी ढंग से दुनिया तक भगवान बुद्ध का संदेश पहुंचा सकेंगे, दुनिया को दिशा दे सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि आज जिस तरह की वैश्विक परिस्थितियां बन रही हैं, उसमें भारत और नेपाल की निरंतर मजबूत होती मित्रता, हमारी घनिष्ठता, संपूर्ण मानवता के हित का काम करेगी. भगवान बुद्ध के प्रति आस्था हमें एक सूत्र में बांधती है. एक परिवार का सदस्य बनाती है.
इस कार्यक्रम में शामिल होने से पहले, लुम्बिनी पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर सबसे पहले यहां स्थित माया देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की. गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी में स्थित इस ऐतिहासिक मंदिर के दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनके नेपाली समकक्ष शेर बहादुर देउबा भी थे. इसके बाद मोदी और देउबा ने लुम्बिनी बौद्ध विहार क्षेत्र में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर फॉर बौद्ध कल्चर एंड हेरिटेज (भारत अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र) के निर्माण कार्य के लिए आधारशिला रखी.
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