नई दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी द्वारा बुधवार को दिल्ली में विपक्षी नेताओं की बुलाई गई बैठक संपन्न हो गई है. बैठक में विपक्षी नेताओं ने आगामी राष्ट्रपति चुनावों में एक आम उम्मीदवार को मैदान में उतारने का संकल्प लिया. बैठक में कई नेताओं ने हिस्सा लिया. कांग्रेस से रणदीप सुरजेवाला, मल्लिकार्जुन खड़गे और जयराम रमेश बैठक में शामिल हुए. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के अलावा पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने भी बैठक में शिरकत की. कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में हुई बैठक में 17 दलों के नेता शामिल हुए.
विपक्षी दलों की बैठक में कई दलों के नेताओं ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार को संयुक्त विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने एक बार फिर इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. राजद के मनोज झा ने हालांकि कहा कि सभी नेता पवार से फिर से आग्रह करेंगे कि वे अपने फैसले पर पुनर्विचार करें क्योंकि वह उपयुक्त उम्मीदवार हैं. भाकपा के विनय विस्वम ने कहा, 'बैठक में यह आम राय थी कि विपक्ष की ओर से एक ही उम्मीदवार होना चाहिए जो सभी को स्वीकार्य हो.' उन्होंने कहा कि बैठक में सिर्फ शरद पवार का नाम सामने आया. रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एन. के. प्रेमचंद्रन ने कहा कि बनर्जी ने बाद में विपक्ष के संभावित उम्मीदवार के रूप में वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी के नाम भी सुझाए.
इधर, बैठक के बाद ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेस बुलाई. पत्रकारों से बताचीत के दौरान उन्होंने कहा, 'बैठक में बहुत से विपक्षी दल साथ आए. विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों के साथ राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चा हुई. इस दौरान दलों ने एक उम्मीदवार पर सहमति जतायी है. हर कोई इस उम्मीदवार को हमारा समर्थन देगा. हम दूसरों से सलाह मशविरा करेंगे. यह एक अच्छी शुरुआत है. हम कई महीनों के बाद एक साथ बैठे और हम इसे फिर से करेंगे. शरद पवार राजी हों तो सभी दल उनके नाम पर सहमत हैं.
बैठक के बाद द्रमुक नेता टी आर बालू ने पत्रकारों से चर्चा में कहा, 'सभी दलों के नेताओं ने शरद पवार से आग्रह किया कि वह राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ें लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया. कुछ नेताओं ने अनुरोध किया कि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पवार और बनर्जी को सभी गैर-भारतीय जनता पार्टी, दलों से संपर्क कर उनसे बातचीत करनी चाहिए ताकि संयुक्त विपक्ष की ओर से किसी उम्मीदवार के नाम पर चर्चा कर सहमति बनाई जा सके. वहीं, सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा कि विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति चुनाव में एक आम उम्मीदवार को उतारने के लिए एक प्रस्ताव अपनाया है. उम्मीदवार जो वास्तव में संविधान के संरक्षक के रूप में काम कर सकता है और मोदी सरकार को भारतीय लोकतंत्र और भारत के सामाजिक ताने-बाने को और नुकसान पहुंचाने से रोक सकता है.
बैठक में कई बड़े चेहरे नजर आए. बैठक में शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, अखिलेश यादव, महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस के जयराम रमेश, मल्लिकार्जुन खड़गे, डीएमके के टी आर बालू, शिवसेना से सुभाष देसाई, प्रियंका चतुर्वेदी, जेडीएस से एचडी कुमारस्वामी, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, नेशनल कॉन्फ्रेस से उमर अबदुल्ला, आरजेडी से मनोज झा और एडी सिंह शामिल हुए. वहीं, आम आदमी पार्टी (आप), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और बीजू जनता दल (बीजद) ने इससे दूरी बनाए रखना मुनासिब समझा. शिवसेना, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भाकपा-एमएल, नेशनल कांफ्रेंस(नेकां), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडपी) जद(से), आरएसपी, आईयूएएमएल, राष्ट्रीय लोकदल और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता भी बैठक में शरीक हुए. राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया आज बुधवार से ही प्रारंभ हुई है.
बता दें कि इस बैठक में विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों समेत 22 विपक्षी दलों को न्यौता भेजा गया था. इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर चर्चा के लिए बनर्जी ने मंगलवार को राकांपा प्रमुख शरद पवार और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी से भी मुलाकात की थी. येचुरी के साथ भाकपा के डी. राजा और पी. सी. चाको ने पवार से मुलाकात की जहां राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे. मुलाकात के बाद येचुरी ने कहा था, "मुझे बताया गया है कि शरद पवार ने विपक्षी उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया है, लेकिन कुछ नामों पर चर्चा की है और उन पर विचार किया जा रहा है."