पूर्व डीजी सह राजद नेता अशोक कुमार गुप्ता जमुई:मणिपुर की घटना को लेकर देशभर में उबाल है. वहीं इसपर जमकर राजनीतिक बयानबाजी भी हो रही है. इस मामले पर मोदी सरकार की पूरी टीम बहुत ही सधी हुई प्रतिक्रिया दे रही है. वहीं विपक्ष अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन पर इस मामले में चर्चा और जवाब चाहता है. इन सबके बीच राष्ट्रीय जनता दल के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व डीजी अशोक कुमार गुप्ता ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर निशाना साधा है.
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'आखिर क्यों चुप हैं राष्ट्रपति?': पूर्व डीजी सह राजद नेता अशोक कुमार गुप्ता ने कहा कि सोशन उत्पीड़न के विरोध में देश की बहादुर बेटियां महिला पहलावान जंतर मंतर पर बैठी रहीं. मणिपुर जल रहा है, दहला देने वाली तस्वीरें सामने आई, लेकिन महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू चुप्पी साधे बैठी हैं. उनको इन मामलों पर बोलना चाहिए था.
"पीएम को तो छोड़िऐ वो क्यों बोलेंगे. उनके सांसद महिला पहलवान मामले में आरोपी हैं. दूसरी तरफ मणिपुर में बीजेपी की सरकार है, लेकिन माननीय राष्ट्रपति महोदया को क्या हो गया है? वो कुछ क्यों नहीं बोल रहीं हैं."-अशोक कुमार गुप्ता, पूर्व डीजी सह राजद नेता
मणिपुर मामले पर पूर्व डीजी ने किया सवाल: दरअसल पूर्व डीजी वर्तमान में राजद नेता हैं. शनिवार को पूर्व डीजी, जमुई के राजद कार्यालय पहुंचे थे. आरजेडी कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं से उन्होंने मुलाकात की और बैठक कर विचार विमर्श किया. जमुई राजद जिलाध्यक्ष त्रिवेणी यादव की अगुवाई में बड़े संख्या में प्रखंड और पंचायत स्तर के कार्यकर्ता राजद कार्यालय में जुटे थे. बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुऐ राजद नेता ने सीधे केंद्र सरकार पर हमला किया और राष्ट्रपति से सवाल पूछे.
"ऐसी घटनाओं के बाद राष्ट्रपति को साफ बोलना चाहिए कि तुम नकारा हो, तुम महिलाओं की इज्जत नहीं कर सकते, आवाम की जान माल की सुरक्षा नहीं कर सकते. ऐसे लोगों को राष्ट्रपति को कुर्सी से हटाना चाहिए और दूसरा योग्य व्यक्ति को मौका देना चाहिए जो जो आवाम की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेगा."-अशोक कुमार गुप्ता, पूर्व डीजी सह राजद नेता
क्या है पूरा मामला?:दरअसल मणिपुर की कुकी जोमी समुदाय की दो महिलाओं को पुरुषों की भीड़ ने नग्न कर घुमाया था. इसका वीडियो सामने आने के बाद हड़कंप मचा है. घटना 4 मई की है जबकि वीडियो 19 जुलाई को वायरल हुआ था. विपक्ष का कहना है कि एसटी महिलाओं के उत्पीड़न को लेकर आदिवासी महिला राष्ट्रपति को स्टैंड लेना चाहिए.