प्रयागराज :जिले में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू हुए 8 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है. इसके बावजूद अभी तक जिले में पहले पुलिस कमिश्नर को ऑफिस नसीब नहीं हो सका है. सरकार ने प्रयागराज में बेहतर कानून व्यवस्था के लिए कमिश्नरी सिस्टम लागू किया था. इसके बाद रमित शर्मा को संगम नगरी का पहला पुलिस कमिश्नर बनाया गया. कयास लगाए जा रहे थे कि पुलिस आयुक्त का ऑफिस पुराने पुलिस मुख्यालय में बनाया जाएगा, क्योंकि प्रयागराज से पुलिस मुख्यालय लखनऊ शिफ्ट होने के बाद इस बिल्डिंग में एडीजी जोन के दफ्तर समेत विभागीय कार्यालय बनाए गए थे. तत्कालीन एडीजी जोन प्रेम प्रकाश ने पुलिस आयुक्त कार्यालय बनाने के लिए कोई पहल नहीं की. नतीजा ये रहा कि पुलिस कमिश्नर को अभी तक कार्यालय नहीं मिल पाया है. हालांकि इस मुद्दे पर एडीजी जोन भानु भास्कर ने पिछले दिनों कहा था कि जल्द ही पुलिस कमिश्नर को पुराने पुलिस मुख्यालय में कार्यालय मिल जाएगा.
सरकारी आवास से निपटा रहे सरकारी कामकाज :प्रयागराज में पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने दो दिसम्बर 2022 को जिले के पहले पुलिस आयुक्त का पदभार संभाला था. शुरुआती कुछ दिन पुलिस कमिश्नर ने एसएसपी ऑफिस में बैठकर जन समस्याएं सुनी. वहीं से सरकारी कामकाज भी किया. इसके बाद जिले में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त की तैनाती के बाद एसएसपी कार्यालय को खाली करना पड़ा. इसके बाद पुलिस कमिश्नर को सरकारी आवास के कैम्प ऑफिस से ही सारा कामकाज निपटाना पड़ रहा है.
सवाल पर चुप्पी साध रहे अफसर :8 महीने से पुलिस आयुक्त दफ्तर के बिना ही सरकारी कामकाज कर रहे हैं. कार्यालय न मिल पाने के सवाल पर एडीजी जोन से लेकर पुलिस आयुक्त तक कुछ भी बोलने बच रहे हैं. पुलिस आयुक्त कहते हैं कि अभी वो जिले की कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने में व्यस्त हैं और कार्यालय का कार्य प्रगति पर है. पिछले दिनों इसी सवाल के जवाब में एडीजी जोन भानु भाष्कर ने कहा था कि जल्द ही पुलिस आयुक्त का दफ्तर पुलिस मुख्यालय की पुरानी इमारत में शुरू होगा. पुलिस कमिश्नर के साथ ही सारे डीसीपी का दफ्तर भी बनेगा.