नई दिल्ली:भारतीय कूटनीति के लिए मई का महीना शक्ति-भरा है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) तीन देशों जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर होंगे. वह अपनी यात्रा की शुरुआत जापान के हिरोशिमा में जी7 शिखर सम्मेलन से करेंगे, जहां वह 20-21 मई को भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे (PM Modi Three nation tour).
मार्च में नई दिल्ली दौरे के दौरान जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने औपचारिक निमंत्रण दिया था. गौरतलब है कि भारत को 2019 के बाद से जी7 शिखर सम्मेलन में कई बार आमंत्रित किया गया है. यह पीएम मोदी के लिए पांचवां ऐसा निमंत्रण है.
2021 में ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत को जी 7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया था, लेकिन पीएम मोदी कोविड महामारी के प्रकोप के कारण यात्रा नहीं कर सके. पिछले साल मोदी श्लॉस एलमाऊ में शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जर्मनी में थे.
जापान के बाद पीएम मोदी 22 मई को भारत-प्रशांत द्वीप समूह सहयोग शिखर सम्मेलन के मंच के लिए पापुआ न्यू गिनी की यात्रा करेंगे. शिखर सम्मेलन के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन भी पापुआ न्यू गिनी की यात्रा करेंगे.
मंच 14 प्रशांत द्वीपों- कुक आइलैंड्स, फिजी, किरिबाती, माइक्रोनेशिया, नाउरू, नीयू और भारत को राज्य/सरकारी स्तर के प्रमुखों के नाम पर एक साथ लाता है. वास्तव में, यह पीएम मोदी की उस देश की पहली यात्रा होगी जो ऑस्ट्रेलिया के बाद ओशिनिया क्षेत्र में दूसरा सबसे बड़ा देश है. भारत पापुआ न्यू गिनी (पीएनजी) सरकार की सहायता करने में दृढ़ रहा है. भारतीय उच्चायुक्त ने वर्ष 2016 में पीएनजी सरकार को एंटी-रेट्रोवायरल दवाओं की 7.2 मिलियन खुराक की खेप सौंपी थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आखिरकार ऑस्ट्रेलिया में अपनी तीन देशों की यात्रा का समापन करेंगे, जहां वह अमेरिका और जापान के साथ 23-24 मई को होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.
पिछले कुछ वर्षों में क्वाड ग्रुप, क्षेत्र में चीन की बढ़ती मुखरता सहित भारत-प्रशांत क्षेत्र में चुनौतियों का समाधान करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है. जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए, चार देशों ने क्वाड क्लाइमेट चेंज एक्शन और मिटिगेशन पैकेज की शुरुआत की और हरित शिपिंग, स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु-लचीले बुनियादी ढांचे की दिशा में प्रयासों को मजबूत करने का वादा किया.
क्वाड ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच एक रणनीतिक सुरक्षा संवाद है जिसे सदस्य देशों के बीच बातचीत द्वारा बनाए रखा जाता है. संवाद की शुरुआत 2007 में पूर्व-जापानी पीएम शिंजो आबे ने ऑस्ट्रेलियाई पीएम जॉन हावर्ड और पूर्व भारतीय पीएम मनमोहन सिंह और तत्कालीन अमेरिकी उप राष्ट्रपति डिक चेनी के समर्थन से की थी.
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