हैदराबाद: भारत-यूरोपीय संघ (European Union) के रिश्तों के भविष्य को लेकर आयोजित एक वर्चुअल सेशन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (external affairs minister S. Jaishankar) और पुर्तगाल के विदेश मंत्री ऑगस्टो सैंटोस सिल्वा ने भारत और यूरोपीय संघ के रिश्तों को लेकर चर्चा की. इस दौरान चीन को लेकर भी चर्चा हुई.
चीन नहीं भारत करीबी साझेदार- पुर्तगाल
पुर्तगाल के विदेश मंत्री ऑगस्टो सैंटोस सिल्वा (Portuguese Foreign Minister Augusto Santos Silva) ने कहा है कि हमें सुरक्षा, नेविगेशन की स्वतंत्रता और आर्थिक संबंधों को देखते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है और इसके लिए हमें भारत को अपने सबसे करीबी साझेदारों में से एक के रूप में देखना होगा.
पुर्तगाल के विदेश मंत्री ने कहा कि हम वो हैं जिसे हम प्रणालीगत प्रतिद्वंदी कहते हैं क्योंकि हम संस्थानों, राजनीति की मौलिक बातों, मानवाधिकारों और नागरिकों को हम अलग नजरिये से देखते हैं. इसलिए इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में एशिया में हमारा साझेदार चीन नहीं, भारत है.
चीनी विस्तारवाद पर यूरोपियन यूनियन की स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए पुर्तगाल के विदेश मंत्री ने कहा कि हम चीन को खतरे के रूप में नहीं देखते हैं. इस महीने नाटो शिखर सम्मेलन में हमने चीन को लेकर अपनी स्थिति को फिर से परिभाषित किया. हम मानते हैं कि चीन का उदय कुछ अवसर के मौके तो देता है लेकिन सुरक्षा की चुनौती साथ में लाता है, जिसे हमें देखना होगा.