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पंजाब में प्रत्याशी उतारने के ऐलान पर घिरे चढूनी, राजनीतिक दलों ने दागे सवाल

भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Charuni Punjab Election) ने पंजाब चुनाव में प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया है. जिसके बाद वे राजनीतिक दलों के निशाने पर आ गए हैं.

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Published : Nov 17, 2021, 12:19 AM IST

चंडीगढ़ : किसान आंदोलन में राजनीति की बात करने को लेकर एक बार संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt kisan morcha) से सस्पेंड हो चुके भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Charuni) राजनीति की बात को लेकर फिर से सुर्खियों में आ गए हैं.

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने पंजाब चुनाव में प्रत्याशी उतारने का (Gurnam Charuni Mission Punjab) ऐलान किया है. पहले से ही राजनीतिक दल किसान नेताओं पर किसान आंदोलन के जरिए राजनीति करने के आरोप लगाते आ रहे हैं. वहीं इस ऐलान के बाद अब गुरनाम चढूनी और किसान मोर्चा राजनीतिक दलों के निशाने पर आ गए हैं.

अब हरियाणा के बिजली मंत्री रंजीत सिंह चौटाला ने उन पर कटाक्ष किया (Ranjit Chautala On Gurnam Charuni) है. उन्होंने कहा कि गुरनाम चढूनी कुछ नहीं हैं, कोई चुनाव नहीं जीते हैं, किसान किसी को राजनीति नहीं करने देते. जब किसान चुनाव लड़ेंगे तो इस पर प्रतिक्रिया दूंगा.

सुनिए हरियाणा के बिजली मंत्री रंजीत सिंह चौटाला ने क्या कहा

बता दें कि, बीते सोमवार को करनाल जिले में एक बैठक के दौरान गुरनाम चढूनी ने ऐलान किया कि वो पंजाब में विधानसभा में पूरे पंजाब में प्रत्याशी उतारेंगे. गुरनाम चढूनी ने कहा कि हमने वहां पर मिशन पंजाब शुरू किया है. गुरनाम चढूनी ने इस दौरान साफ किया कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि जो लोग पंजाब को लूट रहे हैं उन्हें किनारे करने के लिए ऐसा करना होगा.

इस ऐलान के बाद जहां राजनीतिक दलों ने उन पर निशाना साधना शुरू कर दिया है वहीं अब इस पर संयुक्त किसान मोर्चा की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है. सूत्रों से खबर आ रही है कि गुरनाम सिंह चढूनी के पंजाब चुनाव में प्रत्याशी उतारने के ऐलान पर संयुक्त किसान मोर्चा नाराज है.

हालांकि सोमवार को ही करनाल में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) भी पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा था कि सयुंक्त किसान मोर्चा के किसी भी नेता के द्वारा इलेक्शन या किसी पार्टी की तरफ जाना या खुद की पार्टी तैयार करना सही नहीं है. इससे किसान आंदोलन कमजोर पड़ जाएगा. हम सभी से कहते हैं कि इन बातों में ना पड़कर किसान आंदोलन जो चल रहा है, उसको मजबूत करने का काम करें.

बहरहाल अभी तक संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से गुरनाम चढूनी के इस ऐलान के बाद कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. ये भी बता दें कि इसी साल जुलाई के महीने में राजनीति की बातों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी को मोर्चे से 7 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया था.

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इसके अलावा तब संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से ये भी कहा गया था कि पंजाब के किसान नेता पंजाब विधानसभा चुनाव में नहीं जाएंगे. क्योंकि हमारा काम सिर्फ किसानों के हक में आंदोलन लड़ना है चुनाव लड़ना नहीं है. बहरहाल गुरनाम सिंह चढूनी के पंजाब चुनाव में प्रत्याशी उतारने के ऐलान पर संयुक्त किसान मोर्चा क्या फैसला लेता है, ये देखने वाली बात होगी.

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