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Politics On Biometric System In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम पर घमासान, राज्य सरकार के मंत्रियों में दो फाड़

Politics On Biometric System In Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम पर लगातार बयानबाजी जारी है. जहां एक ओर सीएम बघेल ने इस सिस्टम को अनिवार्य न करने की बात कही है. वहीं दूसरी ओर डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने सीएम के बयान से इत्तेफाक नहीं रख रहे. उन्होंने सिस्टम के अनिवार्यता को सही ठहराया है. इस बारे में पॉलिटिकल एक्सपर्ट की राय बिल्कुल अलग है.

Politics on biometric system
बायोमेट्रिक सिस्टम पर घमासान

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 11, 2023, 10:18 PM IST

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम पर सियासत

रायपुर: छत्तीसगढ़ में इन दिनों धान खरीदी को लेकर राजनीति हो रही है. दरअसल, धान खरीदी के लिए केन्द्र सरकार ने बायोमेट्रिक सिस्टम को अनिवार्य कर दिया है. इधर, बघेल सरकार का कहना है कि इसे आप लागू जरूर करें, लेकिन अनिवार्य न करें. क्योंकि छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्र ऐसे हैं, जिनमें नेटवर्क की दिक्कतें होती है. ऐसे में कनेक्टिविटी न होने से किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

वहीं, सीएम बघेल के बयान से टीएस सिंहदेव इत्तेफाक नहीं रखते. छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने इस व्यवस्था को सही ठहराया है. उनके मुताबिक डिजिटलाइजेशन से व्यवस्थाएं सुधरती है. इस बारे में बीजेपी प्रवक्ता गौरी शंकर श्रीवास ने कहा है कि हमारी मंशा धान खरीदी को प्रभावित करना नहीं है. हमारी मंशा धान खरीदी व्यवस्थित और सुचारू करना है.

इधर, छत्तीसगढ़ किसान मजदूर संघ के सदस्य वेगेन्द्र सोनबेर ने इस सिस्टम को छत्तीसगढ़ के किसानों पर अन्याय करार दिया है. उनके मुताबिक, केंद्र सरकार का यह निर्णय छत्तीसगढ़ के पंजीकृत किसानों के साथ अन्याय है. उन्होंने इसे तुरंत बंद करने की बात कही है. वहीं, धान खरीदी के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम को पॉलिटिकल एक्सपर्ट उचित शर्मा ने सही ठहराया है. हालांकि उन्होंने भी सीएम बघेल के तरह कहा है कि कम समय में इस सिस्टम को हर जगह व्यवस्थित करना आसान नहीं है. कई क्षेत्रों के किसानों को इससे दिक्कतें होगी.

जानिए क्या कहते हैं सीएम बघेल: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बायोमेट्रिक सिस्टम की अनिवार्यता पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा है कि" छत्तीसगढ़ की धान खरीदने की व्यवस्था सबसे बढ़िया है. लेकिन यहां की भौगोलिक स्थिति के कारण कई क्षेत्रों में बायोमेट्रिक सिस्टम ठीक नहीं है. क्योंकि जंगलों के आसपास के क्षेत्रों में बायोमेट्रिक सिस्टम में सर्वर की समस्या आएगी. केंद्र सरकार धमकी दे रही हैं कि बायोमेट्रिक से खरीदी नहीं होगी तो हम आपके चावल नहीं लेंगे. पहले बोनस देने पर चावल ना खरीदने की धमकी दी गई थी. फिर हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना लाया. रमन सिंह के समय भी 2013 तक आपने धान अच्छा खरीदे, क्योंकि समय केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी. जैसे ही डबल इंजन सरकार आई आपने बोनस बंद कर दिया है.

छत्तीसगढ़ की धान खरीदने की व्यवस्था सबसे बढ़िया है. यहां किसानों के धान का रखवा आधार कार्ड ओर भुंइया से लिंक किया गया है. इसकी जानकारी सोसाइटी के पास भी है. सभी किसानों से धान खरीदा जाता है. बायोमेट्रिक को लेकर भारत सरकार को हमने पत्र लिखा है. क्योंकि यहां की भौगोलिक स्थिति के कारण कई क्षेत्रों के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम सही नहीं है. कई क्षेत्रों में सर्वर की समस्या आएगी. इससे किसान परेशान होंगे.- भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़

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सीएम के बयान से इत्तेफाक नहीं रखते सिंहदेव: इधर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के बयान से उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव शायद इत्तेफाक नहीं रखते हैं. सिंहदेव ने इस व्यवस्था को सही ठहराया है. उन्होंने कहा है कि "कहीं ना कहीं डिजिटलाइजेशन से व्यवस्थाएं सुधरती है. अब जैसे गवर्नमेंट पेमेंट कर रही है तो सीधे लोगों के खाते में जा रहा है. बिचौलिए की बातें खत्म हो जाती है. कहीं ना कहीं कुछ अड़चनें आती है, उसे ठीक किया जा सकता है. कुछ जगहों पर यदि दो चार परसेंट अड़चन आती है, तो उसके लिए सिस्टम ही ना अपनाये, ये सही नहीं है. हमें इस सिस्टम को अपनाना चाहिए. लेकिन उसमें तकनीक के कारण से कोई दिक्कत होती है तो उसके लिए व्यवस्था रखनी चाहिए. ताकि लोगों को दिक्कतें ना हो."

धान खरीदी के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम सही है. 2-4 फीसद अड़चनों की वजह से सिस्टम ही लागू न किया जाए. ये सही नहीं है.- टीएस सिंहदेव, उपमुख्यमंत्री छत्तीसगढ़

भाजपा ने धान खरीदी व्यवस्थित होने की कही बात: इस बारे में बीजेपी प्रवक्ता गौरी शंकर श्रीवास का कहना है कि, "हमारी मंशा धान खरीदी को प्रभावित करने की नहीं है. हमारी मंशा धान खरीदी व्यवस्थित करने की है. पिछले 4 सालों से शिकायत सामने आ रही है कि पड़ोसी जिलों के धान को यहां पर लाकर बेचा जा रहा है. राज्य सरकार इन सारी चीजों को रोकने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है. ऐसे मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की गई. इस बार लक्ष्य बड़ा है, इसलिए इसमें चौकसी की आवश्यकता है. केंद्र सरकार की जवाबदेही है, इस पर नजर बनाई जाए. यदि बायोमेट्रिक सिस्टम लागू होता है तो हमें इस सिस्टम को अपनाना चाहिए.

इस सिस्टम से धान खरीदी व्यवस्थित होगी. पिछले 4 सालों से शिकायतें आ रही थी कि पड़ोसी राज्य का धान यहां बेचा जा रहा है. इस सिस्टम से किसानों की ये समस्या खत्म होगी.-गौरीशंकर श्रीवास, प्रदेश प्रवक्ता भाजपा

छत्तीसगढ़ किसान मजदूर संघ ने जताई आपत्ती: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम को अनिवार्य करने पर छत्तीसगढ़ किसान संगठन ने विरोध जताया है. छत्तीसगढ़ किसान मजदूर संघ के सदस्य वेगेन्द्र सोनबेर ने कहा है कि, "केंद्र सरकार का यह निर्णय छत्तीसगढ़ के पंजीकृत किसानों के साथ अन्याय है. केन्द्र सरकार को इसे तुरंत बंद करना चाहिए. छत्तीसगढ़ के किसान पंजीकृत किसान है. वह ऑनलाइन टोकन लेते हैं. भुंइया में उनका रिकॉर्ड है. इस सिस्टम से किसान परेशान होंगे. किसान इस व्यवस्था का पुरजोर विरोध करते है. केंद्र सरकार इस निर्णय को तत्काल वापस लें."

बायोमेट्रिक सिस्टम पर जानकारों की राय

जानिए पॉलिटिकल एक्सपर्ट की राय:धान खरीदी के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम पर चल रही सियासत को लेकर ईटीवी भारत ने पॉलिटिकल एक्सपर्ट उचित शर्मा से बातचीत की. उन्होंने इस सिस्टम का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि, "बायोमेट्रिक व्यवस्था लागू किए जाने के बाद धान चोरी रोकने सहित अन्य कामों में मदद मिलेगी. इसलिए मैं इसका समर्थन करता हूं. बायोमेट्रिक के जरिए बहुत सारी कमियों को दूर किया जा सकता है. इससे आंकड़े सही निकलेंगे. सही लोगों से खरीदी हो रही है या नहीं, इसका भी पता चलेगा. हालांकि दूसरा व्यावहारिक पहलू यह भी है कि जो समय केंद्र सरकार ने दिया है, वह काफी कम समय है. उतने समय में यह व्यवस्था लागू करना संभव नहीं है. क्योंकि 45 दिन का वक्त इस सिस्टम को प्रदेश में व्यवस्थित करने के लिए काफी कम समय है. हर राज्य की व्यवस्थाएं अलग-अलग होती है. भौगोलिक स्थिति भी अलग होती है. छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा जैसे राज्यों में इस सिस्टम से कुछ क्षेत्रों के किसानों को तकलीफ हो सकती है. क्योंकि बायोमेट्रिक सिस्टम इंटरनेट से संचालित होगा. कई जगहों में कनेक्टिविटी की दिक्कतें होती हैं, इससे किसानों को धान खरीदी में परेशानी होगी."

कनेक्टिविटी की दिक्कतें बनी सकती है बाधा:बता दें किकेन्द्र सरकार ने बायोमेट्रिक सिस्टम को अनिवार्य कर दिया है. लेकिन कई अंदरूनी इलाकों में इंटरनेट की कनेक्टिविटी की दिक्कतें इस सिस्टम को लागू करने में बाधा बन सकती है. इससे किसानों को धान खरीदी में दिक्कतें पेश आएंगी.

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