तिरुवनंतपुरम/कोच्चि : पाला के बिशप जोसफ कल्लारांगट्ट की विवादित 'लव और नार्कोटिक जेहाद' टिप्पणी पर केरल में सियासी जंग जारी है. जहां एक ओर भाजपा ने माकपा और कांग्रेस पर जेहादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है. वहीं, माकपा और कांग्रेस ने राज्य में ईसाई-मुस्लिम सद्भावना को नष्ट करने की कथित 'संघ परिवार के एजेंडे' को लेकर चेतावनी दी है.
इस बीच, टिप्पणी पर बढ़ते विवाद को देखते हुए पाला ईसाई धर्म प्रदेश (डायसीस)ने सफाई दी और कहा है कि बिशप की मंशा अपनी टिप्पणी से किसी की भावना को आहत करने की नहीं थी और यह किसी समुदाय के खिलाफ नहीं थी. बता दें कि इस संगठन में सीरियो-मालाबार चर्च का प्रभुत्व है.
डायसीस के ऑक्सलरी बिशप मार जैकब मुरिकेन ने यहां जारी बयान में कहा, 'वह केवल समाज पर बढ़ते खतरे को लेकर चेतावनी दे रहे थे.' उन्होंने सभी समुदायों से आह्वान किया कि वे उन कट्टरपंथियों की गतिविधियों को गंभीरता से लें जो कट्टरता और समाज विरोधी गतिविधियों के लिए धार्मिक नाम और प्रतीकों का इस्तेमाल करते हैं. डायसीस ने सभी भ्रामक दुष्प्रचार से निपटने के लिए मिलकर आगे बढ़ने का आह्वान किया.
बिशप की आलोचना करने पर राज्य में सत्तारूढ़ माकपा और विपक्षी कांग्रेस की निंदा करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि राज्य की मुख्य धारा की पार्टियों को 'कड़वा सच' कहने वालों पर हमला करने और उन्हें चुप कराने की परिपाटी रोकनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मार्क्सवादी पार्टी और कांग्रेस के नेता जो बिशप के बयान का विरोध कर रहे हैं, उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे आईएसआईएस (आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट) और जेहादियों के प्रवक्ता हैं.
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केंद्रीय मंत्री ने तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'जो लोग कैथोलिक धार्मिक नेता पर केरल में इस्लामिक स्टेट का एजेंट मौजूद होने की टिप्पणी करने के लिए हमला कर रहे हैं, वास्तव में वे गैर मुस्लिमों का अस्तित्व मिटाने की जेहादियों की विचारधारा को प्रायोजित कर रहे हैं.' कल्लारंगट्ट का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि बिशप ने किसी विशेष समुदाय पर आरोप नहीं लगाया बल्कि धर्म के भीतर मौजूद कट्टरपंथियों के खिलाफ रुख लिया.