नई दिल्ली : कोरोना संकट में गरीब भूखा न रहे उसके मद्देनजर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत अलग से मुफ्त में पांच किलो खाद्यान्न (गेहूं-चावल) प्रतिमाह प्रति व्यक्ति के हिसाब से दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत मई महीने में 35 लाख मीट्रिक टन एवं जून महीने में 23 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण गरीबों व जरुरतमंदों के बीच किया गया.
बता दें कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्र सरकार की ओर से मई व जून महीने में 79 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न आवंटित किया गया. इसमें से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 76 एलएमटी का उठाव कर लिया. 58 लाख मीट्रिक टन का वितरण इसी 76 लाख मीट्रिक टन अनाज में से किया गया है.
PMGKAY योजना मई, 2021 से जून (कुल 2 महीने) के लिए शुरू की गई थी. लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए इसका विस्तार नवंबर 2021 तक कर दिया गया. वहीं मई एवं जून महीने के लिए सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को 79 मीट्रिक टन खाद्यान्न आवंटित किया गया और खाद्यान्न का वितरण गरीबों, जरुरतमंदों के बीच किया गया.
इस पर केंद्र सरकार के 26,000 करोड़ रुपये खर्च हुए. वहीं जुलाई से नवंबर, 2021 तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त में 204 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न दिया जाएगा. साथ ही जुलाई से नवंबर तक पीएमजीकेवाई पर केंद्र सरकार के 67,266 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
राशन की दुकानों या सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से पीएमजीकेवाई के तहत मुफ्त अनाज दिया जा रहा है. बता दें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 2 रुपये प्रति किग्रा की दर पर 5 किलोग्राम गेहूं एवं तीन रुपया की दर पर चावल दिया जाता है. वहीं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत इस मौजूदा कोटे के अतिरिक्त अलग से मुफ्त अनाज दिया जा रहा है.
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बता दें कि पिछले साल कोरोना संकट व नेशनल लॉकडाउन में भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त अनाज अप्रैल 2020 से नंवबर 2020 तक दिया गया था. इसके लिए कुल 321 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का आवंटन किया गया था जिसमें से 305 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का उठाव सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कर लिया गया था. वहीं 305 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न में से 298 लाख मीट्रिक टन अनाज का वितरण गरीबों और जरूरतमंदों के बीच किया गया था.