दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

हनुमान जी की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण, पीएम बोले- हनुमान जी 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के सूत्र

हनुमान जी चार धाम परियोजना के तहत गुजरात के मोरबी में हनुमान जी की 108 फीट ऊंची द्वितीय प्रतिमा निर्मित की गई है. इस परियोजना के तहत साल 2010 में पहली प्रतिमा देश के उत्तर दिशा में हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थापित की गई थी. दो अन्य मूर्तियों को दक्षिण में, रामेश्वरम और पश्चिम बंगाल में स्थापित करने का कार्य चल रहा है.

statue-of-lord-hanuman-in-morbi
हनुमानजी की प्रतिमा का अनावरण

By

Published : Apr 16, 2022, 11:21 AM IST

Updated : Apr 16, 2022, 1:32 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात के मोरबी में निर्मित हनुमान जी की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया. हनुमान जी चार धाम परियोजना के तहत देशभर में चार दिशाओं में स्थापित की जा रही चार मूर्तियों में से यह दूसरी प्रतिमा है. इस अवसर पर पीएम मोदी ने देशवासियों को हनुमान जयंती के पावन पर्व की शुभकामनाएं दीं. अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि इस पावन अवसर पर आज मोरबी में हनुमान जी की इस भव्य मूर्ति का लोकार्पण हुआ है. ये देश और दुनिया भर के हनुमान भक्तों के लिए, रामभक्तों के लिए बहुत सुखदायी है, आप सभी को बहुत-बहुत बधाई.

हनुमान जी की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण

प्रधानमंत्री ने कहा कि हनुमान जी अपनी भक्ति से, अपने सेवाभाव से, सबको जोड़ते हैं. हर कोई हनुमान जी से प्रेरणा पाता है. हनुमान वो शक्ति और सम्बल हैं जिन्होंने समस्त वनवासी प्रजातियों और वन बंधुओं को मान और सम्मान का अधिकार दिलाया. इसलिए एक भारत, श्रेष्ठ भारत के भी हनुमान जी एक अहम सूत्र हैं. उन्होंने कहा, मुझे बताया गया है कि हनुमान जी की इस तहर की 108 फीट ऊंची प्रतिमा देश के अलग-अलग कोने में स्थापित की जा रही है. हम पिछले कई वर्षों से शिमला में हनुमान जी की प्रतिमा देख रहे हैं, आज मोरबी में दूसरी प्रतिमा स्थापित हुई है. प्रधानमंत्री ने कहा कि दो अन्य मूर्तियों को दक्षिण में, रामेश्वरम और पश्चिम बंगाल में स्थापित करने का कार्य चल रहा है.

उन्होंने कहा कि रामकथा का आयोजन भी देश के अलग-अलग हिस्सों में किया जाता है. भाषा-बोली जो भी हो, लेकिन रामकथा की भावना सभी को जोड़ती है, प्रभु भक्ति के साथ एकाकार करती है. यही तो भारतीय आस्था की, हमारे आध्यात्म की, हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा की ताकत है. इसने गुलामी के मुश्किल कालखंड में भी अलग अलग हिस्सों और अलग अलग वर्गों को जोड़ा, आजादी के राष्ट्रीय संकल्प के लिए एकजुट प्रयासों को सशक्त किया.

'सबका साथ, सबका प्रयास का उत्तम प्रमाण प्रभु राम की जीवन लीला'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हजारों वर्षों से बदलती स्थितियों के बावजूद भारत के अटल और अडिग रहने में हमारी सभ्यता और संस्कृति की बड़ी भूमिका रही है. हमारी आस्था और संस्कृति की धारा सद्भाव, समावेश, समभाव की है. इसलिए जब बुराई पर अच्छाई को स्थापित करने की बात आई तो प्रभु राम ने सक्षम होते हुए भी, सबका साथ लेने का, सबको जोड़ने का, समाज के हर तबके के लोगों को जोड़ने का और सबको जोड़कर उन्होंने इस काम को संपन्न किया. यही तो है सबका साथ-सबका प्रयास. सबका साथ, सबका प्रयास का उत्तम प्रमाण प्रभु राम की जीवन लीला भी है. जिसके हनुमान जी बहुत अहम सूत्र रहे हैं. सबका प्रयास की इसी भावना से आजादी के अमृत काल को हमें उज्जवल करना है, राष्ट्रीय संकल्पों की सिद्धि के लिए जुटना है.

यह भी पढ़ें-आज है हनुमान जयंती, साढ़े साती, मंगल दोष और कष्टों से मुक्ति के लिए करें उपाय

Last Updated : Apr 16, 2022, 1:32 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details