नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह इस दशक का पहला सत्र है. सत्र भारत के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि सदन में भारत के भविष्य को ध्यान में रखते हुए चर्चा होनी चाहिए. मिनी बजट का सिलसिला चलता रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रारंभ से ही आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे उन सपनों को, उन संकल्पों को तेज गति से सिद्ध करने का ये स्वर्णिम अवसर अब देश के पास आया है. इस दशक का भरपूर उपयोग हो और इसलिए इस सत्र में इस पूरे दशक को ध्यान में रखते हुए चर्चाएं हों, सभी प्रकार के विचारों की प्रस्तुति हो और उत्तम मंथन से उत्तम अमृत प्राप्त हो, ये देश की अपेक्षाएं हैं.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, 'मुझे विश्वास है कि जिस आशा और अपेक्षा के साथ देश के कोटि-कोटि जनों ने हम सबको संसद में भेजा है, हम संसद के इस पवित्र स्थान का भरपूर उपयोग करते हुए, लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं का पालन करते हुए, जन-आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए अपने योगदान में पीछे नहीं रहेंगे, ये मुझे पूरा विश्वास है. सभी सांसद इस सत्र को और अधिक उत्तम बनाएंगे, ये मेरा पूरा विश्वास है.'