मुंबई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र के एक दिवसीय दौरे पर हैं. पुणे पहुंचने पर डिप्टी सीएम अजित पवार, भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने उनका स्वागत किया. इसके बाद पीएम ने पुणे के पास देहू में संत तुकाराम मंदिर में 17वीं सदी के संत तुकाराम महाराज की पूजा की और यहां एक शिला मंदिर का उद्घाटन किया. भक्ति आंदोलन के एक प्रमुख नाम तुकाराम वारकरी संत और कवि थे. उन्हें 'अभंग' भक्ति कविता और आध्यात्मिक गीतों के लिए जाना जाता है. वह पुणे के पास देहू में रहते थे. उनकी मृत्यु के बाद एक शिला मंदिर बनाया गया था, लेकिन इसे औपचारिक रूप से मंदिर के रूप में तैयार नहीं किया गया था.
इस असवर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि मनुष्य जन्म में सबसे दुर्लभ संतों का सत्संग है. संतों की कृपा अनुभूति हो गई, तो ईश्वर की अनुभूति अपने आप हो जाती है. आज देहू की इस पवित्र तीर्थ-भूमि पर आकर मुझे ऐसी ही अनुभूति हो रही है. उन्होंने कहा कि देहू का शिला मंदिर न केवल भक्ति की शक्ति का एक केंद्र है बल्कि भारत के सांस्कृतिक भविष्य को भी प्रशस्त करता है. इस पवित्र स्थान का पुनर्निमाण करने के लिए मैं मंदिर न्यास और सभी भक्तों का आभार व्यक्त करता हूं.
उन्होंने कहा कि भारत शाश्वत है, क्योंकि भारत संतों की धरती है. हर युग में हमारे यहां, देश और समाज को दिशा देने के लिए कोई न कोई महान आत्मा अवतरित होती रही है. आज देश संत कबीर दास की जयंती मना रहा है. पीएम ने कहा कि संत तुकाराम जी की दया, करुणा और सेवा का वो बोध उनके 'अभंगों' के रूप आज भी हमारे पास है. इन अभंगों ने हमारी पीढ़ियों को प्रेरणा दी है. जो भंग नहीं होता, जो समय के साथ शाश्वत और प्रासंगिक रहता है, वही तो अभंग होता है.