हैदराबाद :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 सितंबर को अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह स्टेट यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया. साथ ही उन्होंने डिफेंस कॉरिडोर के अलीगढ़ नोड का भी शुभारंभ किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने एक तीर से कई सियासी निशाने को साधने की कोशिश की.
पहले यह जानें कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह स्टेट यूनिवर्सिटी बनाने की मंशा बीजेपी सरकार को कैसे आई. 2014 में बीजेपी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का नाम बदलकर राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर रखने की मांग की थी. इस यूनिवर्सिटी को बनाने की घोषणा उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सितंबर 2019 में की थी. उससे पहले अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में जिन्ना विवाद चल रहा था. साथ ही, राजा महेंद्र प्रताप सिंह के परिजनों ने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी का नाम राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर रखने की मांग की थी. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी 467.6 एकड़ भूमि में फ़ैली हुई है.
परिजनों का कहना था कि राजा महेंद्र प्रताप ने ही विश्वविद्यालय के लिए जमीन का एक बड़ा हिस्सा दान किया था, मगर उनके नाम का कोई उल्लेख कहीं नहीं किया गया. यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को 1929 में 3.8 एकड़ की ज़मीन लीज़ पर दी थी, जिस पर अभी सिटी स्कूल संचालित हो रहा है. हालांकि राजा महेंद्र प्रताप के वंशजों ने लीज की जमीन पर दावा करने से इनकार कर दिया. इस विवाद के बाद योगी सरकार ने राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर स्टेट यूनिवर्सिटी बनाने का ऐलान कर दिया. चुनावों में यह सरकार के उपलब्धि के तौर पर पेश किया जाएगा.
नाराजगी दूर करने के लिए जाट नेता पर चला बीजेपी ने दांव : अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर राजा महेंद्र प्रताप सिंह की उपेक्षा का आरोप भी लगा दिया. राजा महेंद्र प्रताप जाट बिरादरी से ताल्लुक रखते थे. बीजेपी के नेता भी जाट समुदाय के इतने महान नेता के योगदान को याद नहीं रखने का आरोप लगाते रहे हैं. यूनिवर्सिटी के बहाने बीजेपी ने वेस्टर्न यूपी में जाट बिरादरी को साधने की कोशिश की है, जो किसान आंदोलन के कारण पार्टी से नाराज चल रहे हैं. पश्चिमी यूपी में 17 पर्सेंट जाट वोटर हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में वेस्ट यूपी की 136 सीटों में से बीजेपी ने 102 सीटें जीती थीं. अगर जाटलैंड पर राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर यूनिवर्सिटी होगी तो इसका असर जाट वोटरों पर होगा. आगरा, अलीगढ़, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद मंडलों में जाट वोटर काफी प्रभावी हैं.
कल्याण सिंह फैक्टर को नहीं भूले पीएम मोदी : शिलान्यास के बाद जनसभा में पीएम मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को याद किया. उन्होंने कहा कि आज कल्याण सिंह जी हमारे साथ होते तो राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय और डिफेंस सेक्टर में बन रही अलीगढ़ की नई पहचान को देखकर बहुत खुश हुए होते. कल्याण सिंह अलीगढ़ के अतरौली के गांव मढौली के रहने वाले थे. अतरौली से कल्याण सिंह जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. कल्याण सिंह के कारण बीजेपी अतरौली और इसके आसपास की सीटों पर हमेशा मजबूत रही है. साल 1991 के बाद बीजेपी ने यहां 7 बार लोकसभा चुनाव जीता है. अलीगढ़ लोकसभा सीट पर लोध बिरादरी के वोटरों की संख्या लगभग 2.5 लाख है.