नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण पर आयोजित 'आतंक के लिए कोई धन नहीं' (नो मनी फॉर टेरर) मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह अद्भुत है कि यह सम्मेलन भारत में हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जोर देकर कहा कि सभी आतंकवादी हमले समान कार्रवाई के हकदार हैं. उन्होंने कहा कि विभिन्न हमलों की प्रतिक्रिया की तीव्रता घटना के स्थान पर आधारित नहीं हो सकती है. प्रधानमंत्री दिल्ली में आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने पर तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि एक भी हमला बहुत अधिक है. एक भी व्यक्ति की जान जाना बहुत अधिक है. इसलिए, हम तब तक आराम से नहीं बैठेंगे जब तक कि आतंकवाद को जड़ से उखाड़ न दिया जाए. उन्होंने कहा कि हमारे देश ने लंबे समय तक आतंक की भयावहता का सामना किया है. इससे पहले कि दुनिया इसे गंभीरता से लेती, दशकों से विभिन्न रूपों में आतंकवाद ने भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन हमने आतंकवाद का बहादुरी से मुकाबला किया है.
प्रधान मंत्री ने कि आतंकवाद के वित्तपोषण की जड़ पर प्रहार करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया. पीएम मोदी ने कहा कि कोई भी ऐसा क्षेत्र पसंद नहीं करता है जो लगातार खतरे में हो. इसके कारण लोगों की आजीविका छीन ली जाती है. यह और भी महत्वपूर्ण है कि हम आतंक के वित्तपोषण की जड़ पर प्रहार करें. उन्होंने कहा कि आतंकवाद को मानवता, स्वतंत्रता और सभ्यता पर हमला बताया. उन्होंने कहा कि वैश्विक खतरे से निपटने के दौरान अस्पष्ट दृष्टिकोण के लिए कोई जगह नहीं है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज की दुनिया में, आदर्श रूप से, किसी को भी दुनिया को आतंकवाद के खतरों के बारे में याद दिलाने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए, हालांकि, अभी भी कुछ हलकों में आतंकवाद के बारे में कुछ गलत धारणाएं हैं. विभिन्न हमलों की प्रतिक्रिया उसकी तीव्रता पर आधारित नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा कि कभी-कभी, आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई को रोकने के लिए आतंकवाद के समर्थन में अप्रत्यक्ष तर्क दिए जाते हैं. वैश्विक खतरे से निपटने के लिए अस्पष्ट दृष्टिकोण के लिए कोई जगह नहीं है.
इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने गुरुवार को एक बयान में यह जानकारी दी कि 18-19 नवंबर को आयोजित यह दो दिवसीय सम्मेलन भाग लेने वाले देशों और संगठनों को आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण पर मौजूदा अंतरराष्ट्रीय शासन की प्रभाव क्षमता के साथ-साथ उभरती चुनौतियों के समाधान व आवश्यक कदमों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करेगा.