नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों (anti Sikh riot) के दौरान लापता हुए एक व्यक्ति को मृत घोषित करने और उसका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का आग्रह करने वाली याचिका खारिज कर दी है.
संबंधित मामले में 80 वर्षीय एक व्यक्ति ने यह दावा करते हुए अदालत का रुख किया था कि उनका बेटा अजीत सिंह 'मोटर पार्ट्स' खरीदने के लिए अक्टूबर 1984 के अंतिम सप्ताह में दिल्ली के कश्मीरी गेट पहुंचा था, लेकिन वह उस साल नवंबर के पहले सप्ताह में सिख विरोधी दंगे भड़कने के बाद लापता हो गया.
जम्मू-कश्मीर के निवासी एम सिंह ने अपने लापता बेटे को मृत घोषित करने और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के जन्म एवं मृत्यु पंजीयक को मृत्यु प्रमाणपत्र (death certificate) जारी करने का निर्देश दिए जाने का आग्रह करते हुए दीवानी वाद दायर किया था.
वाद को खारिज करते हुए, दीवानी न्यायाधीश हेली फर कौर ने कहा कि रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है, जो यह दर्शाता हो कि अजीत सिंह अक्टूबर 1984 के अंतिम सप्ताह में दिल्ली आया था.