हैदराबाद :दुनिया भर में महंगाई का कारण बनी तेल की कीमतों को कम करने के लिए अमेरिका अपने स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व से 5 करोड़ बैरल क्रूड ऑयल जारी करेगा. व्हाइट हाउस ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि 5 करोड़ बैरल में से 3.2 करोड़ बैरल अगले कई महीनों में जारी किया जाएगा, जबकि 1.8 करोड़ बैरल तेल जल्द रीलीज किया जाएगा.
अमेरिका ने जापान, भारत और दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर क्रूड ऑयल निकालने की तैयारी की है. इसी के तहत भारत सरकार भी अपने रिजर्व से 50 लाख बैरल क्रूड ऑयल बाहर निकालेगी. इसके अलावा चीन ने भी अपने स्ट्रैटजिक रिजर्व से तेल निकालने की हामी भरी है. जो बाइडन के साथ शी जिनपिंग के शिखर सम्मेलन में दोनों देशों के बीच इस पर सहमति बनी थी. अमेरिका के रिजर्व में वर्तमान समय में लुइसियाना और टेक्सास तटों पर चार सुरक्षित ठिकानों में लगभग 606 मिलियन बैरल तेल रहता है.
कच्चे तेल की कीमतों के कारण दुनिया भर में महंगाई रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. लगभग 50 लाख बैरल 7-10 दिनों की शुरुआत में जारी किए जाएंगे. उम्मीद जताई जा रही है कि अमेरिका के इस कदम से इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल यानी कच्चे तेल के दाम कम हो जाएंगे. इससे ओपेक (OPEC) देशों पर कच्चे तेल का प्रोडक्शन बढ़ाने का दबाव बढ़ेगा. हालांकि ओपेक ने दिसंबर से एक मिलियन बैरल प्रति दिन के हिसाब से प्रोडक्शन बढ़ाने का वादा किया है.
ऑर्गनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज (OPEC) ने पिछले साल क्रूड ऑयल के दाम में भारी गिरावट के बाद उत्पादन कम कर दिया था. इसके बाद दुनिया भर में तेल की कीमतों में काफी इजाफा हुआ. एक्सपर्ट के मुताबिक, जब कोरोना के बाद लॉकडाउन खत्म हुए तो डिमांड में तेजी आई. कारखानों को एनर्जी के लिए पेट्रोलियम की जरूरत पड़ी, मगर क्रूड ऑयल के सीमित उत्पादन के कारण डिमांड और सप्लाई में गैप हुआ. डिमांड बढ़ने के बाद पेट्रोलियम पूरी दुनिया में महंगा हो गया.
महंगे फ्यूल और डिमांड बढ़ने से दुनिया भर में महंगाई बढ़ी. अमेरिका में 30 साल में सबसे ज्यादा महंगाई है. बता दें कि भारत अपनी डिमांड का 80 फीसदी क्रूड ऑयल आयात करता है. भारत दुनिया का तीसरा बड़ा तेल उपभोक्ता देश है. जब इंटरनैशनल मार्केट में क्रूड ऑयल का दाम 10 डॉलर प्रति बैरल बढ़ता है तो भारत की जीडीपी 0.4 फीसदी कम हो जाती है. अभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत 75.78 डॉलर प्रति बैरल है.
ब्रेंट कच्चे तेल के लिए भारत अपने आयात बिल का लगभग 20 प्रतिशत खर्च करता है. बता दें कि भारत के अलावा 29 सदस्य देशों के पास स्ट्रैटजिक तेल भंडार है. इनमें अमेरिका ब्रिटेन, जर्मनी, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. ये देश 90 दिन के नेट ऑयल इम्पोर्ट के बराबर एमरजेंसी रिजर्व रख सकते हैं. चीन और अमेरिका के बाद जापान के पास सबसे बड़ा एमरजेंसी तेल भंडार है. भारत भूमिगत टैंकों में करीब 3.8 करोड़ बैरल तेल पूर्वी और पश्चिमी तटों पर स्थिति स्थानों पर जमा करता है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, भारत सरकार स्टॉक मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स (MRPL)और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (HPCL) को बेचेगी. ये दोनों रिफाइनरी पाइपलाइन के जरिए स्ट्रैटजिक रिजर्व से जुड़ी हुई है.