नई दिल्ली: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV, पुणे) द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि कोविशील्ड टीकाकरण की दूसरी खुराक के 31 दिनों के बाद लोग कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं. यह अध्ययन कोरोना महामारी की तीसरी लहर के दौरान किया गया था. इस संबंध में आईसीएमआर के प्रवक्ता डॉ. लोकेश ने शुक्रवार को ईटीवी भारत से कहा, 'हां, महामारी की तीसरी लहर के दौरान पुन: संक्रमण की अवधि का पता लगाने के लिए आईसीएमआर-एनआईवी, पुणे द्वारा अध्ययन किया गया था.' इसमें चार कोविड-19 व्यक्तियों को कोविशील्ड वैक्सीन (ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका फॉर्मूलेशन) की दो खुराक के साथ चार सप्ताह के अंतराल पर अध्ययन किया गया.
वहीं अध्ययन के निष्कर्षों में कहा गया है, 'सार्स-कोव-2 के संक्रमण की वास्तविक पुष्टि आरटी पीसीआर के साथ गले और नाक के स्वाब की जांच से हुई. इसमें संक्रमण कोविशील्ड टीकाकरण की दूसरी खुराक के 31 दिनों के बाद हुआ.' साथ ही पूर्ण जीनोम सीक्वेंसिंग ने कप्पा और डेल्टा वेरिएंट के साथ पुन: संक्रमण का खुलासा किया. इस दौरान निष्कर्षों में कहा गया है कि संक्रमण के दो मामलों में एक कप्पा और एक डेल्टा वेरिएंट का देखा गया. इसमें बुखार, गले में खराश, खांसी, सिरदर्द, कमजोरी, भूख न लगना के अलावा गंध और स्वाद के सही नहीं मिलने का पता चला. इसके अलावा चार मामले ऐसे थे जिसमें 275 दिनों के बाद सार्स-कोव-2 बीए.2 के उप वेरिएंट के बाद फिर से संक्रमित हो गए.