भोपाल। संचालनालय नगरीय प्रशासन में काम करने वाले ग्रेड 3 के बाबू राम सिंह रायपुरिया को दिसंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था. यह फिलहाल जेल में है और इसने करीब 7.50 करोड़ रुपए का पेंशन घोटाला किया था. जब इसे गिरफ्तार किया तो यह मामला सुर्खियों में रहा और जेल जाते ही ठंडे बस्ते में चला गया, लेकिन इस घोटाले में जिन आम लोगों के खातों का इस्तेमाल किया गया था, उनके दर्द की शुरूआत इसके बाद ही हुई.
80 बुजुर्गों की रुकी पेंशन:दरअसल राम सिंह ने ने साल 2018 से 2022 तक कुल 295 पेंशन खातों में सेंधमारी कर 7.50 करोड़ रुपए निकाले थे. इस राशि को निकालने के लिए उसने अपने घर वालों, पड़ोसियों, रिश्तेदारों और दाेस्त यारों के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया. वह हरेक को एक नई कहानी सुनाता और कहता कि उसका खाता किसी कारण से बंद है और इसीलिए अमाउंट वह उनके खाते में बुलवाना चाहता है. उसकी मीठी बातों पर यकीन करके लोगों ने अपने खाते नंबर शेयर कर दिए. जब पैसा आया तो वह भी राम सिंह को दे दिया. जब घोटाला खुला तो बैंक ने घोटाले में इस्तेमाल होने वाले सभी खातों को सीज कर दिया. इनमें से करीब 80 खाते बुजुर्ग पेंशन धारियों के हैं. हाल ही में एक बुजुर्ग ने ईटीवी भारत से संपर्क किया और बताया कि वह गुलमोहर में रहती हैं. उन्होंने बताया कि राम सिंह उन्हें चाची कहता था. उन्हें पता नहीं है कि उनके खाते में किस बात का पैसा आया है, लेकिन राम सिंह के पकड़े जाने के बाद से खाता बंद है और उन्हें उनकी पेंशन भी नहीं मिल रही है. यहीं रहने वालीं दिव्या कनौजिया ने बताया कि ऐसे कई बुजुर्ग उनके संपर्क में हैं. जो अपनी पेंशन नहीं निकाल पा रहे हैं. अभी मिलकर कोर्ट में याचिका लगाने की तैयारी कर रहे हैं, ताकि खातों का संचालन शुरू हो सके.