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मैंने लोजपा को तोड़ा नहीं, बल्कि बचाया है : पशुपति पारस

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में फूट पड़ गई है. बागी सांसदों ने चिराग पासवान की जगह उनके चाचा पशुपति पारस को अपना नेता चुन लिया है. पशुपति पारस ने कहा कि पार्टी दिवंगत रामविलास पासवान की राह पर चलती रहेगी.

लोक जनशक्ति पार्टी
लोक जनशक्ति पार्टी

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Published : Jun 14, 2021, 11:06 AM IST

Updated : Jun 14, 2021, 11:32 AM IST

नई दिल्ली : लोक जनशक्ति पार्टी दो धड़ों में बंट गई है. पार्टी के बागी सांसदों ने चिराग पासवान को पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया है. उन्होंने पशुपति पारस पासवान को नया नेता चुना है.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात करने के बाद बिहार के हाजीपुर से लोकसभा सांसद पशुपति पारस ने कहा कि हमने मजबूरी में यह फैसला लिया है. पार्टी दिवंगत रामविलास पासवान की राह पर चलती रहेगी.

पशुपति पारस का बयान

उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में छह सांसद हैं. पांच सांसदों की इच्छा थी कि पार्टी का अस्तित्व खत्म हो रहा है इसलिए पार्टी को बचाया जाए. मैं पार्टी तोड़ा नहीं हूं पार्टी को बचाया हूं. चिराग पासवान से कोई शिकायत नहीं है. कोई आपत्ति नहीं है वे पार्टी में रहें.

नीतीश कुमार विकास पुरुष
उन्होने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी बिखर रही थी कुछ असामाजिक तत्वों ने हमारी पार्टी में सेंध डाला और 99% कार्यकर्ताओं के भावना की अनदेखी करके गठबंधन को तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बिहार के विकास पुरुष हैं.

जेडीयू में विलय के सवाल पर पशुपति पारस ने कहा कि यह 100% गलत है. लोजपा हमारी पार्टी है, बिहार में संगठन मजबूत है. मैं एनडीए के साथ था और गठबंधन का हिस्सा बना रहूंगा.

पशुपति पारस ने कहा कि मैं अकेला महसूस कर रहा हूं. पार्टी की बागडोर जिनके हाथ में गई. पार्टी के 99% कार्यकर्ता, सांसद, विधायक और समर्थक सभी की इच्छा थी कि हम 2014 में NDA गठबंधन का हिस्सा बनें और इस बार के विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा बने रहें.

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Last Updated : Jun 14, 2021, 11:32 AM IST

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