नई दिल्ली: संसद में पूरे सत्र के दौरान गतिरोध बना रहा हालांकि राज्यों को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची बनाने का अधिकार देने संबंधित संविधान संशोधन विधेयक पर दोनों सदनों में सभी विपक्षी दलों ने चर्चा में भाग लिया.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सुबह कार्यवाही शुरू होने पर बताया कि 17वीं लोकसभा की छठी बैठक 19 जुलाई 2021 को शुरू हुई और इस दौरान 17 बैठकों में 21 घंटे 14 मिनट कामकाज हुआ. उन्होंने कहा कि सदन में कामकाज अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा.
बिरला ने बताया कि व्यवधान के कारण 96 घंटे में करीब 74 घंटे कामकाज नहीं हो सका. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, निरंतर व्यवधान के कारण महज 22 प्रतिशत कार्य निष्पादन रहा. उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान संविधान (127वां संशोधन) विधेयक सहित कुल 20 विधेयक पारित किये गए. चार नये सदस्यों ने शपथ ली. बिरला ने बताया कि मॉनसून सत्र के दौरान 66 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिये गए और सदस्यों ने नियम 377 के तहत 331 मामले उठाये.
उन्होंने कहा कि इस दौरान विभिन्न स्थायी समितियों ने 60 प्रतिवेदन प्रस्तुत किये, 22 मंत्रियों ने वक्तव्य दिये और काफी संख्या में पत्र सभापटल पर रखे गए. उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान अनेक वित्तीय एवं विधायी कार्य निष्पादित किये गए. इससे पहले बिरला ने सदन को चार पूर्व सदस्यों के निधन की जानकारी दी और उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के वक्तव्य के बाद वंदे मातरम की धुन बजाई गयी और सदन की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. सदन में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित अनेक केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं अन्य सदस्य मौजूद थे.
मानसून सत्र के दौरान लोकसभा ने वर्ष 2021-22 की अनुदान की अनुपूरक मांगें- प्रथम खंड और वर्ष 2017-18 की अनुदान की अतिरिक्त मांगें एवं इनसे संबंधित विनियोग विधेयकों को मंजूरी दी. निचले सदन में अन्य पिछड़ा वर्गों से संबंधित संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता संशोधन विधेयक 2021, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंध आयोग विधेयक 2021 भी पारित हुए.