नई दिल्ली :संसद में लगातार सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध चल रहा है. सत्तापक्ष के लोग राहुल गांधी के ब्रिटेन में दिए गए भारत संबंधी बयान को लेकर जहां सदन में राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग कर रहे हैं वहीं, राहुल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सदन से बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ बजट सत्र के इस दूसरे चरण में भी विपक्ष की ज्यादातार पार्टियां अडाणी मामले के साथ-साथ ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगा रही हैं.
मंगलवार को भी विपक्ष के सांसदों के गतिरोध के कारण सांसद की कार्यवाही को दो बार स्थगित करने के बावजूद जब सहमति नहीं बन पाई तो चेयर को सदन पूरे ही दिन के लिए स्थगित करना पड़ा (Uproar in Parliament).
मंगलवार की सुबह विपक्ष की एक बैठक भी बुलाई गई थी जिसमें कांग्रेस नेताओं ने ये साफ कर दिया था कि राहुल गांधी ने कोई भी आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की है. साथ ही केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की तरफ से राज्यसभा में राहुल गांधी पर लगाए गए आरोप पर भी कांग्रेस विशेषाधिकार समिति में जाने की बात कह रही है, वहीं, दूसरी तरफ सरकार में मौजूद केंद्रीय मंत्री समेत तमाम बीजेपी के नेता राहुल गांधी पर देश को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कारवाई की मांग कर रहे हैं.
कुल मिलाकर अजीब सी स्थिति बनी हुई है जिसमें हंगामे की वजह मात्र विपक्ष नहीं बल्कि सत्ताधारी दल भी बन चुका है. बहरहाल सवाल यह उठ रहा है कि क्या राहुल गांधी सदन में माफी मांगेंगे या फिर पक्ष विपक्ष की इस तकरार में पूरा सत्र ही धुल जाएगा.
'भारत की गौरव गाथा पचा नहीं पा रहे राहुल' :इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से बीजेपी सांसद अनिल अग्रवाल ने बातचीत की. अनिल अग्रवाल ने कहा कि आरोप प्रत्यारोप के बावजूद और विपक्ष के गतिरोध के बावजूद अभी भी विधायी गतिविधियां चलती रही हैं. उन्होंने कहा कि राहुल ने विदेश की धरती पर जो जहर उगला है उसके लिए न सिर्फ उन्हें माफी मांगनी चाहिए बल्कि उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.