पाकिस्तान ने रिहा किए 200 भारतीय मछुआरे और तीन आम कैदी, वापस लौटे अपने देश
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Published : Jun 2, 2023, 5:22 PM IST
पाकिस्तान की जेल में बंद 200 और भारतीय मछुआरों को रिहा कर दिया गया है. इससे पहले भी भारत सरकार के प्रयासों से 198 मछुआरों को रिहा किया गया था. भारतीय जलक्षेत्र में पकड़े गए अधिकांश मछुआरों को कराची के पास लाटी जेल में रखा गया था.
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पोरबंदर:पाकिस्तान की जेल में बंधक बनाए गए 200 भारतीय मछुआरों और तीन अन्य कैदियों को रिहा कर दिया गया है. शुक्रवार को सभी भारतीय मछुआरे वाघा बॉर्डर पहुंचेंगे. भारतीय मछुआरों को अक्सर भारतीय जलक्षेत्र से पकड़ लिया जाता है और पाकिस्तानी जेलों में कैद कर दिया जाता है. कराची की जेल में बंद 198 भारतीय मछुआरों को पिछले महीने रिहा कर दिया था. इन कैदियों को वाघा सीमा पर भारत को सौंप दिया गया था.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने एक ट्वीट में कहा, “आज पाकिस्तान 200 भारतीय मछुआरों और 3 अन्य कैदियों को रिहा कर रहा है. इससे पहले, 198 भारतीय मछुआरों को 12 मई 2023 को वापस भेजा गया था.” उन्होंने कहा, “यह मानवीय मामलों का राजनीतिकरण नहीं करने की पाकिस्तान की नीति के अनुरूप है. करुणा को राजनीति से ऊपर रखना चाहिए.”
मछुआरों का अपहरण:
पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा बल ने पिछले दो वर्षों में गुजरात के 20,074 मछुआरों का अपहरण किया है. पाकिस्तान इंडिया पीस फोरम द्वारा बार-बार अभ्यावेदन के बाद पोरबंदर के पांच सहित 198 मछुआरों को पहली बार 12 मई को रिहा किया गया था. अब पाकिस्तान ने 200 और मछुआरे छोड़ने का ऐलान किया है. ये मछुआरे बरसों बाद अपने परिवारों से मिलेंगे. मछुआरों के परिवार में खुशी की लहर है.
अधिकांश मछुआरे उना, गीर सोमनाथ, वलसाड सहित पोरबंदर क्षेत्र के हैं. काफी मिन्नतों के बाद मछुआरों की रिहाई की खबर सुनकर उनके परिजनों की आंखों से आंसू छलक पड़े. पाकिस्तानी जेलों में बंद 100 मछुआरों को तीसरे चरण में 14 जुलाई को रिहा किया जाएगा. मछुआरे नेता जीवनभाई झुंगी ने पाकिस्तान सरकार द्वारा उठाए गए एक और कदम के लिए पाकिस्तान और भारत सरकार को धन्यवाद दिया. मछुआरा समाज के नेता जीवनभाई झुंगी ने सरकार से मांग की है कि पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा द्वारा जब्त की गई 1188 नावों को भी जल्द से जल्द पाकिस्तान से रिहा कराया जाए.
संकट में परिवार: पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा बल द्वारा अगवा किए गए भारतीय मछुआरों को देखने वाला कोई नहीं होता है. सिर्फ मछली पर निर्भर रहने वाले मछुआरे अपनी जिंदगी को मुसीबत में डाल कर रोजी रोटी के लिए समुद्र में जाते हैं और फिर पाकिस्तान उन्हें उठा ले जाता है. इसके बाद मछुआरे का परिवार दाने दाने को तरसता है और उन की सुध लेने वाला कोई नहीं होता है. 200 मछुआरों की रिहाई के बाद अब भी 284 मछुआरे पाकिस्तानी जेलों में कैद हैं. आगामी जुलाई माह में 100 मछुआरे रिहा किए जाएंगे, इसलिए 184 मछुआरे पाकिस्तानी जेलों में कैद होंगे.