नई दिल्ली : भारत में निवर्तमान रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव (Nikolay Kudashev) ने बुधवार को कहा कि भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी (India-Russia special strategic partnership) अंतरराष्ट्रीय स्थिरता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान देती है. कुदाशेव का कार्यकाल खत्म हो चुका है. उन्होंने अपने विदाई संदेश में यह बात कही. कुदाशेव ने कहा कि रूस और भारत के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी सकारात्मक और एकीकृत एजेंडे पर आधारित है. यह अंतरराष्ट्रीय स्थिरता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान देती है.
उन्होंने कहा कि समान विचारधारा वाले देशों के साथ मिलकर हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों पर आधारित एक निष्पक्ष और समान बहुकेंद्रित दुनिया की स्थापना की ओर मजबूती से खड़े हैं. कुदाशेव ने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र, जी20, ब्रिक्स, एससीओ, आरआईसी और अन्य महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्मों के भीतर समन्वय बढ़ा रहे हैं. ट्विटर पर अपने संदेश में कुदाशेव ने लिखा कि उन्हें नई दिल्ली से पूरा सहयोग मिला. उन्होंने लिखा, 'मैं तहेदिल से आप सबके सहयोग और समर्थन का शुक्रिया अदा करता हूं.'
कुदाशेव ने कहा कि कोविड की कठिन चुनौती के बावजूद हम बिना किसी कृत्रिम बाधाओं के आपसी सहायता की सच्ची भावना पैदा करने में कामयाब रहे. हम इस महामारी के दुखद परिणामों को कम करने में भी सफल रहे. हम न तो अपने मिशन से हटे और न ही हमने कभी भी अपने संवाद को कम होने दिया. बल्कि उसे और गहरा किया. बहुत सारी बैठकें हुईं. उच्च स्तरीय बैठकें हुईं. व्यापार, अर्थव्यवस्था, सैन्य तकनीकी, ऊर्जा, विज्ञान और मानवीय सहयोग पर खूब चर्चा हुई. इसका असर आने वाले समय में जरूर दिखाई देगा.
उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि 2022, रूसी-भारतीय राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ का प्रतीक वर्ष, हम दोनों के बीच ऐतिहासिक रूप से मजबूत दोस्ती के लिए नई इबारत बनेगा. उन्होंने अगले राजदूत डेनिस अलीपोव को बधाई दी. वह एक अनुभवी राजनयिक और पेशेवर इंडोलॉजिस्ट हैं. कुदाशेव ने कहा कि डेनिस अलीपोव एक करियर राजनयिक और दशकों के अनुभव के साथ भारतीय मामलों के विशेषज्ञ हैं.